सूरत
कपड़ा व्यापारियों ने जैसे ही दुकानें खोली वैसे ही पेमेन्ट के लिए लोगों ने उम्मीद लगानी शुरू कर दी है। एक ओर व्यापारियों को पेमेन्ट नहीं मिल रहा। दूसरी ओर अन्य संगठनों ने व्यापारियों के लिए समस्या खड़ी कर दी है।
अब प्रोसेसर के एक फ़ैसले ने व्यापारियों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। फोस्टा ने प्रोसेसर के इस रवैये के ख़िलाफ़ पत्र लिखकर उन्हें व्यापार हित में निर्णय लेने को कहा है।
दरअसल बात ऐसी है कि मंगलवार को साउथ गुजरात टेक्सटाइल प्रोसेसर एसोसिएशन ने बनाए नियम में यह शर्त रखी है कि अब से व्यापारियों को जॉब वर्क के लिए भेजे गए माल का पेमेंट 30 दिन के भीतर कर देना होगा। 30 दिन से अधिक समय लगने पर उन्हें डेढ़ प्रतिशत ब्याज चुकाना होगा।
ब्याज की गिनती 60 दिन तक चालू रहेगी। इसके बाद व्यापारी को अतिरिक्त समय नहीं दिया जाएगा। प्रोसेसर्स का कहना है कि अब तक के नियमों के अनुसार लंबी उधारी दी जाती रही है लेकिन वर्तमान समय के अनुसार जबकि प्रोसेसर के पास भी पू्जी का अभाव है। वह ज्यादा दिनों क्रेडिट नहीं दे सकते।
साउथ गुजरात टेक्सटाइल प्रोसेसर एसोसिएशन के प्रमुख जीतू वखारिया ने बताया कि कपड़ा उद्योग इन दिनों बुरे दौर से गुजर रहा है। प्रोसेसर एसोसिएशन ने व्यापारियों से 21 मार्च के पहले की जो राशि बकाया है। उसका पेमेंट मांगा है। प्रोसेसर एसोसिएशन के जीतू वखारिया ने कहा कि कपड़ा व्यापारियों से पेमेंट नहीं आने के कारण प्रोसेसर्स की हालत पतली हो गई है।
उन्हें बैंकों में अपने कैश क्रेडिट बढ़ानी पड़ी है इसलिए प्रोसेस ने नए व्यापार के अनुसार व्यापार करने का फैसला किया है।नए नियम से व्यापार नहीं करने वालों से व्यापार नहीं किया जाएगा।
प्रोसेसर एसोसिएशन के इस रवैये के ख़िलाफ़ फोस्टा ने पत्र लिखकर कहा कि एक ओर व्यापार अच्छे से शुरू नही हुआ, पेमेन्ट नही आ रहा, श्रमिक नहीं है। इन सब मुसीबत के समय में प्रोसेसर को सकारात्मक ढंग से व्यापार हित में आगे फ़ैसला लेना चाहिए।उन्होंने कहा कि प्रोसेसर को अपने फ़ैसले पर विचार करना चाहिए।
फोस्टा के सेक्रेटरी चंपालाल बोथरा ने बताया कि 2 महीने के बाद जैसे तैसे कपड़ा मार्केट अब शुरू हुआ है।कुछ कपड़ा मार्केट को तो 2 दिन पहले ही शुरू करने की परमिशन दी गई है।कपड़ा व्यापारियों का माल अभी गोडाउन में फंसा है, ट्रांसपोर्ट में है या प्रोसेसर के यहां जॉब के लिए दिया गया है।
कपड़ा व्यापारी धीरे-धीरे नई तरह से व्यापार की रूपरेखा तय कर रहे हैं। बड़ी संख्या में श्रमिक अभी तक लौटकर नहीं आए हैं इस तरह अभी व्यापार चरणबद्ध ढंग से शुरू भी नहीं हुआ है, कि प्रोसेसर की पेमेंट की बात से भय का माहौल पैदा हुआ है। प्रोसेसर की पेमेंट की बात करें तो व्यापारियों का कई गुना माल उनके स्टाफ में पड़ा है। जब कपड़ा व्यापार एक बार फिर से खड़े होने के लिए प्रयास कर रहा है।
तब प्रोसेसर्स को इसमें साथ देकर व्यापार को आगे बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए ना कि पेमेंट पर ब्याज की बात कहकर व्यापारियों की परेशानी बढ़ाने का माहौल खड़ा करना चाहिए। हम प्रोसेसर से यही कहते हैं कि व्यापार हित में वह भी आगे बढ़े और इस फैसले पर पुनर्विचार करें।