सूरत: कपड़ा बाजार में पार्सल की मजदूरी बढाने का अल्टिमेटम

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एक ओर लॉकडाउन के कारण अभी तक कपडा बाजार सुचारू ढंग से शुरू नहीं हो सका है वही ं पेमेन्ट को लेकर अलग-अलग संगठन मांग कर रहे हैं। विवर्स और प्रोसेसर्स के साथ अभी पेमेन्ट के सिस्टम पर कोई बात नहीं बन सकी है।

बुधवार को सूरत जिला टैक्सटाइल मार्केटिंग ट्रांसपोर्ट लेबर यूनियन द्वारा फोस्टा को पत्र लिखकर पार्सल ढुलाई शुल्क में वृद्धि करने की माँग की गई हैं।

पत्र में बताया गया कि लोकडाउन के पश्चात पिछले कुछ दिनों में पेट्रोल-डीजल के दामों निरंतर भारी वृद्धि हुई हैं उसके साथ – साथ लोकडाउन में बड़ी संख्या में मजदूरो ने पलायन कर गए है। जिसके कारण मजदूरों की भरी कमी हो गई हैं जिसके चलते लेबर चार्ज बहुत ही महँगा हो गया है ऐसी स्थितियों में पार्सल डुलाई की वर्तमान दरे बहुत ही कम है। जिससे कपड़ा बाजार में पार्सल डुलाई का कार्या करने वालों को भारी नुकसान हो रहा है।

अतः  यूनियन द्वारा 01 जुलाई 2020 से डुलाई शुक्ल मे प्रति पार्सल लूज मे 25 रुपए तथा बॉक्स मे 35 रुपए की वृद्धि करने का निर्णय लिया गया हैं। तथा अप्रैल और मई माह के भी पैसे जल्द से जल्द दिए जाए जिससे आर्थिक रूप से बदहाल मजदूरों को वेतन खर्ची मिल सके।

अगले 15 दिन के भीतर संबंध में कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया जाता हैं तो हमे काम बंद करने यानि की स्वेच्छिक हड़ताल का रास्ता अपनाने के लिए विवश होना पड़ेगा।

हालाकि फैडरेशन ऑफ सूरत टैक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिसएशन के प्रमुख मनोज अग्रवाल ने बताया कि लॉकडाउन के बाद बड़ी संख्या में व्यापारी और श्रमिक अपने गांव से लौटकर नहीं आए हैं। इस कारण कपड़ा व्यापार अच्छे से नहीं शुरू हो सका है। अन्य राज्यों में लॉकडाउन की असर के कारण ऑर्डर भी नहीं मिल पा रहे। कपडा व्यापार को सुचारू ढंग से शुरू होने में समय लगेगा। मजदूरी के बारे में व्यापारी अपने हिसाब से फैसला लेंगे।

अग्रवाल ने यह भी कहा कि यह मौका इस तरह से पेमेन्ट के लिए मांग करने का नहीं है बल्कि व्यापार को एक साथ खड़ा करने का है। लॉकडाउन की परिस्थिति में व्यापार बंद रहने के कारण कपड़ा व्यापारी बुरे दौर से गुजर रहे हैं। उनका लाखों रुपए का पेमेन्ट अन्य राज्यो की मंडियों में फंस गया है। ऐसे मे सबको एक बार व्यापार को अच्छे से शुरू होने में मदद करने की जरूरत है।