चलती ट्रेन में प्रसव पीड़ा से तड़पती रही महिला !!

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सूरत
देशभर में लॉकडाउन के कारण शहरों में फँसे श्रमिक अपने गाँव की ओर निकल पड़े है। जिन लोगों के पास जैसी व्यवस्था है उसी व्यवस्था के बीच वह शहर छोड़ देना उचित मान रहे है। ऐसे मे बीच रास्ते में ही कई घटनाए होने की जानकारी भी सामने आ रही है। दो दिन पहले ही सूरत से पैदल ही निकले दंपति को रास्ते में प्रसूति होने की घटना सामने आई थी। आज ट्रेन में यूपी जा रही महिला को डिलीवरी की जानकारी आ रही है।
गुजरात से इन दिनों बड़ा संख्या में लोग गांव जा रहे है। गुजरात के सूरत में कामधंधा बंद होने से श्रमिक यहाँ से पलायन कर रहे है।

हाल में ही सूरत से आजमगढ़ जिले में पहुंची श्रमिक स्पेशल ट्रेन में एक महिला ने बिना डॉक्टर-नर्स के ही बच्ची को जन्म दिया। इस दौरान वहाँ कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण ट्रेन की बोगी में मौजूद दो अन्य महिलाओं ने साहस दिखाया और उसकी मदद की। अच्छे से डिलीवरी के बाद ट्रेन आजमगढ़ पहुंचने पर मां-बेटी की थर्मल स्क्रीनिंग के बाद दोनों स्वास्थ्य होने पर दोनों को जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।


मिली जानकारी के अनुसार दीनानाथ रोजीरोटी के लिए गुजरात के सूरत में परिवार के साथ रहता था। वह जमगढ़ जिले के विकास खंड सठियांव का निवासी है। वह यहाँ पर नौकरी कर गुजरान चलाता था। लॉकडाउन के कारण डेढ महीने से बेरोज़गार था।! इन दिनों उसकी पत्नी गभर्वती थी और डिलेवरी का अंतिम समय चल रहा था। लॉकडाउन के चलते बृहस्पतिवार को सूरत से चली श्रमिक स्पेशल ट्रेन में अपनी गर्भवती पत्नी चंद्रकला को लेकर आ रहा था।

सूरत से आजमगढ के लिए ट्रेन में बैठने के बाद रास्ते में देर रात 11 बजे चंद्रकला को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। चलती ट्रेन में डॉक्टर व नर्स की तो कोई व्यवस्था थी नहीं। चंद्रकला प्रसव पीड़ा से ट्रेन में ही तड़पने लगी। इस बीच बोगी में बैठी दो अन्य महिलाएं आगे आई और उसे नार्मल डिलेवरी के लिए मदद की। रात 12 बजे चलती ट्रेन में ही चंद्रकला ने एक बेटी को जन्म दिया।
जैसे ही बेटी की किलकारियाँ गाड़ी में गुंजने लगी वैसे ही बोगी में लोगों के चेहरे पर ख़ुशियाँ छा गई। मा और बच्ची दोनों ही स्वस्थ्य है। दोनों को ज़िले अस्पताल ले ज़ाया गया और दोनों को दाखिल कर लिया गया।