सूरत
लॉकडाउन डाउन के कारण श्रमिकों की हालत खराब है। लोगों के पास पैसे नहीं होने के कारण और प्रशासन की ओर से जाने की व्यवस्था नहीं होने के कारण यूपी बिहार समेत कुछ राज्यों के कई श्रमिक पैदल ही निकल पड़े हैं। दो दिन पहले यूपी जाने के लिए पैदल ही निकल पड़े सूरत की दंपत्ति में महिला को रास्ते में ही डिलीवरी हो गई। मिली जानकारी के अनुसार सूरत में रहने वाला नूर मोहम्मद श्रमिक है। लॉकडाउन के कारण व्यापार धंधा बंद हो जाने से परेशान हो गया था।
कई दिनों तक व सामाजिक संस्थाओं से मिलने वाली मदद पर टिका हुआ था लेकिन कुछ दिनों से वह बंद हो जाने के कारण निराश हो गया था। अंत में लाचार होकर अपनी गर्भवती पत्नी इशरत और 3 वर्ष के बच्चे नुमान को लोन के कारण यहां भूखे रहने की अपेक्षा उसने गांव जाना पसंद किया। उसकी पत्नी को अंतिम महीना चल रहा था। वह जलगांव तक पहुंचे उसके कुछ दूरी पहले ही सवेरे 5:00 बजे के करीब महाराष्ट्र के जलगांव जिले के समीप स्कोर प्रसूति पीड़ा शुरू हो गईं।
सवेरे का माहौल होने के कारण रास्ते सुनसान थे। इशरत दर्द से तड़पने लगी और उसकी आवाज पूरे वातावरण में गूंज रही थी। नूर मोहम्मद अपनी पत्नी की यह तकलीफ़ देख नहीं पा रहा था लेकिन, वह क्या कर सकता था।इस दौरान वहां से गुजर रहे एक सज्जन ने एंबुलेंस और इशरत को हॉस्पिटल भेजने की व्यवस्था कर दी।इस दौरान इशरत की प्रसूति शुरू हो चुकी थी। गर्भस्थ बालक का शरीर आधा बाहर आ गया था। इस दौरान इशरत को खून बहुत खूब आ चुका था।इसलिए वह बेहोश हो गई थी। एंबुलेंस के स्टाफ ने इशरत को वहां के डॉक्टर विलास भोले के पास पहुंचाया।फिलहाल इशरत और बच्ची दोनों की तबीयत ठीक है।( फोटो-प्रतीकात्मक)