सोमवार को सूरत के मजदूरों के एक प्रतिनिधि मंडल ने राज्य के उपमुख्यमंत्री से मुलाकात कर उनके समक्ष विभिन्न मांगे रखी।
ज्ञापन में बताया गया कि देश मे कोरोना महामारी के कारण हुए लॉकडाउन ने सबसे अधिक प्रवासी मजदूरों को प्रभावित किया हैं। पिछले दिनों प्रवासी मजदूरों को कई यातनाओं का सामना करना पड़ा हैं। उद्योग बंद हो जाने के कारण वह बेरोजगार हुए।
जिसके चलते उन्हें दो भोजन मिलना भी मुश्किल हो गया था। ऐसे में वे अपने घरों को जाना चाहते किन्तु परिवहन की कोई भी व्यवस्था न होने के कारण लाखो की संख्या में मजदूरों ने पैदल ही पलायन करना शुरू कर दिया था। बडी संख्या में श्रमिक साइकल , टेंपो , ट्रकों व अन्य वाहनों से अपने जीवन को ख़तरे में डालकर गांव चले गए।
इन तमाम स्थितियों में कई प्रवासी मजदूरों ने भूख , प्यास से व सड़क दुर्घटना में जाने गवा दी।कोई की सरकार के पास प्रवासी मजदूरों का कोई ठोस डाटा व योजना न होने के कारण प्रवासी मजदूरों के भोजन व परिवहन की कोई भी सुचारू व्यवस्था नहीं हो पाई।जिसके परिणाम स्वरूप प्रवासी मजदूरों को एक भयंकर त्रासदी से दो – चार होना पड़ा वर्तमान में लगभग 90 फीसदी प्रवासी मजदूर अपने गाँव जा चुके हैं ।
अब उन्हें वापस बुलाने की दिशा में प्रशासन व उद्योगिक संस्थाओं द्वारा हलचल की जा रही हैं प्रवासी मजदूरों सूरत के उद्योगों की रीढ़ की हड्डी की तरह उनके बिना उद्योगों को पटरी पर लाना असंभव हैं परंतु वर्तमान परिस्थितियों में मजदूरों और उनके परिवारीजनों में एक भय की भावना हैं। इसलिए वह अभी वापस आना नहीं चाहते।
उन्होंने जिन मुश्किलों व यातनाओं को झेला हैं। इस कारण वह डर रहे है। ऐसे में उनकी सुरक्षा व संरक्षण की गारंटी सुनिश्चित करने की अत्यंत आवश्कयता हैं। जिससे कि भविष्य कभी भी इस प्रकार के संकट में उन तक आसानी से राहत पहुँच सके।
इंटुक के प्रवक्ता शान खान ने बताया कि यदि सरकार द्वारा हमारी मांगे नहीं मानी जाएगी तो हम मजदूरों के पंजीकरण व उन्हें अन्य लाभ दिलाने के लिए न्यायालय में जनहित याचिका भी दायर करेंगे।
मजदूर प्रतिनिधि मंडल की मुख्य मांगे
( 1 ) प्रवासी मजदूरों का पंजीकरण किया जाए और उन्हें आधार कार्ड की तर्ज पर एक ” Migrant labour ” का पहचान पत्र मुहैया कराया जाए ।
( 2 ) सभी प्रवासी मजदूरो को बीमा सुरक्षा व भविष्य निधि की भी तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए ।
( 3 ) औद्योगिक अधिनियम तहत उनके आवास , भोजन तथा चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराई जाए ।
प्रतिनिधि मंडल में इंटुक के राष्ट्रीय सचिव अशोक पंजाबी, सूरत जिला टेक्सटाइल मार्केटिंग ट्रांसपोर्ट लेबर यूनियन के अध्यक्ष उमाशंकर मिश्रा, इंटक प्रवक्ता शान खान, सूरत टेम्पों चालक यूनियन के अग्रणी श्रवण ठाकुर शामिल थे।