सूरत
कोरोना के कारण व्यापार चौपट हो जाने से लाचार कपड़ा व्यापारी श्रमिकों के पलायन के कारण और नुकसान झेलने की परिस्थिति में आ गए हैं ।बात ऐसी है कि कपड़ा उद्यमी साड़ियों पर छोटे-छोटे वर्क कराने के लिए उन्हें कई सोसायटीओं में या स्लम क्षेत्रों में महिलाओं को देते हैं जहां की अधिकांश था अन्य राज्यों के लोग रहते हैं ।कोरोना के कारण वह लोग भी परेशान हो गए हैं और अब केंद्र सरकार से छूट मिलने के बाद जल्द से जल्द गांव निकल ने की तैयारी में है ।
लाखों साड़ियाँ वर्क के लिए दी थी, फँस गई
कपड़ा व्यापारियों ने वर्क करने के लिए उन्हें दी लाखों साड़ियां उनके पास ही फस गई है ।लॉकडाउन कारण व्यापारी अपनी साड़ियां छुड़ाने के लिए भी नहीं जा पा रहे है।फ़ोन करने पर साड़ी ठेके पर ले जाने वाले कइयों का संपर्क नही हो रहा और संपर्क होता है तो वह अपनी लाचारी बता रहे है। कपड़ा व्यापारियों को डर है कि कई लोग तो साड़ियां लॉक डाउन के बाद लौटा देंगे लेकिन कुछ तो उसे बेचकर ही निकल लेंगे ।ऐसे में व्यापारियों के लिए और नुकसान का सामना करना पड़ सकता है ।
शहर के कई क्षेत्रों में वैल्यू एडिशन का काम
व्यापारी बताते हैं कि साड़ियों को डाइंग प्रिंटिंग से निकलने के बाद उसमें एंब्रॉयडरी और चरक टिक्की बूंदी या छोटे-मोटे वैल्यू एडिशन काम के लिए लिंबायत उधना पांडेसरा ,वराछा,वेड रोड ,पूणागाम आदि क्षेत्रों में कॉन्ट्रैक्ट पर लोग ले जाते हैं ।जोकि वहां की महिलाओं को दे देते हैं ।इसके एवज में महिलाओं को प्रति साड़ी निश्चित की गई रकम मिल जाती है ।सूरत में यह कारोबार बड़े पैमाने पर फैला है इसके आधार पर भी महिलाएं प्रतिमास 5 हज़ार से ₹10000 तक की कमाई कर लेती हैं ।इन दिनों लग्नसरा की सीजन होने से बड़े पैमाने पर काम दिया गया है ।अब लॉकडाउन के कारण व्यापारी अपना माल वापस नहीं मंगा सकते है। इसलिए उन्हें साडियों की चिंता है ।इस सिलसिले में कपड़ा व्यापारियों की संस्था फेडरेशन ऑफ सूरत टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन ने प्रशासन से गुहार लगाएगा ।
प्रशासन से लगाएँगे गुहार
फोस्टा के महामंत्री चंपालाल बोथरा ने बताया कि प्रत्येक कपड़ा व्यापारी अपने साड़ी में वैल्यू एडिशन के लिए उन्हें कॉन्ट्रैक्ट पर देता है जोकि ,कांट्रेक्टर अलग-अलग सोसाइटी में महिलाओं को देखकर काम करवाता है ।काम करने वालों में ज्यादातर अन्य राज्यों की महिलाएं हैं ।लॉकडाउन के कारण वह अपने परिवारजनों के साथ वतन चले जाएगी।कई तो जा भी चुकी हैं ।ऐसे में कपड़ा व्यापारियों के लाखों रुपए की साड़ियों का क्या होगा ?एक तो पहले से ही व्यापार चौपट होने के कारण व्यापारी परेशान है ।ऐसे में लाखों रुपए का नुकसान भी व्यापारियों की चिंता बन गया है इस सिलसिले में कलेक्टर को हम अनुरोध करेंगे कि व्यापारियों को उनका माल वापस लाने की इजाजत दी जाए।