सूरत
गुजरात पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (जीपीसीबी) द्वारा स्वच्छता एवं पर्यायवरण के लिए पांडेसरा स्थित लक्ष्मीपति मिल को अवार्ड दिया गया। जीपीसीबी द्वारा टेक्सटाइल उद्योग की मिलों का सर्वे किया गया एवं स्वच्छ मिल एवं प्लांटेशन के लिये लक्ष्मीपति मिल को अवार्ड दिया गया।
जीपीसीबी की रीजनल ऑफिसर जिग्ना बेन ने यह अवार्ड दिया एवं लक्ष्मीपति ग्रुप की ओर से पीआरओ पुनीत तायल ने अवार्ड ग्रहण किया। लक्ष्मीपति ग्रुप द्वारा कर्मचारियों के हित और पर्यावरण के प्रति हमेशा से ही एक ज़िम्मेदार रवैया अपनाया गया है। कुछ दिनों पहले ही सूरत शहर को स्वच्छता सर्वेक्षण में नंबर वन का अवार्ड मिला था। इसके बाद लक्ष्मीपति ग्रुप ने भी स्वच्छता में नंबर वन का स्थान हासिल करके सूरत सहित देश भर में अपना क़द और ऊँचा कर लिया है।
कचरे का टीला दूर कर पांडेसरा के उद्यमियों ने बना दिया पेड़ों का बगीचा
स्मार्ट सिटी की ओर तेज़ी से बढ़ रहे सूरत शहर में ऐसा नहीं है कि मात्र औद्योगिक विकास में तेज़ी से हो रहा है बल्कि पर्यावरण के प्रति भी लोगों मे जागृती आई है। मनपा सहित सामाजिक संस्थाए प्रति वर्ष हज़ारों पेड़ लगाते है।आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ पर्यावरण दे सके इस सोच के साथ पांडेसरा जीआईडीसी में उद्यमियों ने 350 टन कचरे के टीले को दूर कर वहाँ पें 5 हज़ार से अधिक पेड- पौंधो का बगीचा बना दिया है।एक ओर जहाँ चिमनियों की धूल बादलों को छू रही हैं वहीं दूसरी ओर जीआईडीसी के बीचो बीच उद्यमियों ने बनाया यह सुंदर बगीचा पर्यावरण की रक्षण कर रहा है।
पांडेसरा जीआईडीसी में लूम्स प्रोसेसिंग यूनिट, केमिकल कारख़ाने में तथा यार्न कारख़ाने सहित कई प्रकार के यूनिट हैं जिनके चलते यहाँ पर वेस्ट का प्रमाण भी बड़े पैमाने पर निकलता है। एक अंदाज के अनुसार हज़ारों टन कचरा प्रतिदिन निकलता है। यहाँ पर कचरे का निस्तारण करने की व्यवस्था है इसके बावजूद कई उद्यमी चोरी छुपे कई भी कचरा फेंक देते थे इसके चलते एक जगह साढ़े 350 टन कचरे का ढेर हो गया था।खाड़ी के समीप होने के कारण यह कचरा जल को भी प्रदूषित कर रहा था।इसे ध्यान में रखते हुए पांडेसरा इन्फ़्रास्ट्रक्चर लिमेटेड के पदाधिकारियों ने यहाँ पर बग़ीचा बनाने का फ़ैसला किया और डेढ़ साल में लगभग 5 हज़ार चौरस मीटर में पौधारोपण कर बग़ीचा और सुंदर वन बना दिया।इस बग़ीचे में अमरुद, जामुन, आम, केला सहित कई प्रकार के फल के पौधे हैं।इसी तरह चम्पा,गेंदा गुलाब, गुडहल इसके भी पौधे लगाए गए हैं। बग़ीचे के बीचो बीच एक छोटा तालाब भी बनाया गया है जितने की पानी इकट्ठा करके इस गार्डन के पौधों को सींचा जाएगा।इसी तरह का एक और गार्डन पांडेसरा जीआईडीसी में ही अन्य स्थान पर बनाया गया है।दोनों गार्डन को बनाने के लिए पांडेसरा के उद्यमियों को 50 लाख का ख़र्च करना पड़ा।