सूरत में लॉकडाउन के कारण पहले से ही परेशान कपड़ा उद्यमियों ने बिजली कंपनी पर बहुत अजीबोगरीब आरोप लगाया है और शहर के कई क्षेत्रों के विवर बिजली कंपनी के खिलाफ विरोध में उतर गए हैं।
कपड़ा उद्यमियों का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान दो महीने तक उनके यूनिट नहीं चालू थे। ऐसे में सरकार को बिल की राशि माफ कर देनी चाहिए। जबकि बिजली कंपनी ऐसा नहीं कर रही है।
बिजली कंपनी ने सिर्फ 1 महीने का एक फिक्स्ड बिल माफ किया है दूसरी और कुछ वीवर्स तो कहना है कि चालू दिनों की अपेक्षा उनका बिल बंद के दौरान ज्यादा आ रहा है ऐसा क्यों हो गया वह खुद नहीं जान रहे हैं। कई वीवर्स को बंद के दौरान एक लाख से चार लाख रूपए का बिल दिया है।
इस तरह के तमाम आरोपों के साथ वीवर्स ने कई क्षेत्रों में बैनर और बोर्ड लगाकर बिजली कंपनी के बिल का बहिष्कार किया है।
मिली जानकारी के अनुसार अंजनी इंडस्ट्रियल स्टेट के विजय मांगूकिया नाम के विवर्स ने बताया कि सरकार की ओर से हमें 3 महीने का बिजली बिल में फिक्स्ड चार्ज माफ करने को कहा गया था लेकिन हमें सिर्फ 1 महीने का ही फिक्सड चार्ज माफ किया गया है।
दूसरी ओर उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जब लॉकडाउन में यूनिट बंद थे तब भी कई लोगों के बिल ज्यादा आ जाए ऐसे कई लोग उनके पास शिकायत करने आए हैं।
इस सिलसिले में विरोध करने वाले वीवर्स संख्या 1000 से अधिक है डायमंड नगर तथा आसपास के कई क्षेत्रों में बिजली कंपनी के विरोध में लग गए हैं।विजय मांगूकिया ने बताया कि बिजली कंपनियां वीवर्स के उचित नहीं कर रही है। इसलिए उन्होंने कलेक्टर को आवेदन देकर बिजली कंपनी से माफ करने और यूनिट में जो गड़बड़ी हुई है उसे सुधारने के लिए मांग की है।
उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के बाद व्यापार जैसे – तैसे शुरू हो रहा है। ऐसे में इस तरह की घटनाओं के कारण उद्यमियों का मनोबल टूटता है हालांकि अभी यह जांच का विषय है कि इसमें गड़बड़ी हुई भी या नहीं फिलहाल विवश ने अपना विरोध जारी रखा है।