हीरा कारख़ाने खुलते ही बंद करा दिए गए!! जानिए क्यों?

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सूरत

गुरुवार को पहले दिन ही लोग डाउन के बाद कारखाने खोलें लेकिन यहां एक कोरोना पॉजिटिव केस आने के बाद 300 कारखाने बंद करा दिए गए| मिली जानकारी के अनुसार 2 दिन पहले ही मनपा कमिश्नर ने व्यापार उद्योग के संगठनों के प्रमुख से हुई मीटिंग में कहा था कि नॉनक्लस्टर स्थानों पर पूरी सावधानियों के साथ व्यापार शुरू किया जा सकता है।

इसके चलते ही हीरा उद्यमियों में खुशी थी और गुरुवार सवेरे से ही हीरा उद्यमियों ने अपने कारखाने शुरू कर दिए थे। महिधरपुरा क्षेत्र की लगभग 300 ऑफिस खुल गए थे।हीरा श्रमिक कारखाने पर भी आए थे धीमे-धीमे काम शुरू हो रहा था कि, इस दौरान महिघरपुरा बाजार के निकट ही एक कोरोना पॉजिटिव पाया गया।

इसके चलते ही कुछ ही घंटों में मधेपुरा क्षेत्र में ऑफिस बंद करवा दी गई चाहते हैं कि भले ही कुछ शर्ते रख दी जाए लेकिन हीरा बाजार खोलने की छूट दी जाए।

उल्लेखनीय है कि बड़ी संख्या में हीरा श्रमिक वतन चले गए हैं। इस कारण भी हीरा कारखाने अभी अच्छी तरह से नहीं शुरू हो सकते। लेकिन जो थोड़े बहुत कारखाने शुरू हुए भी थे वह कल कोरोना पॉजिटिव मामलों के कारण बंद हो गए।

हीरा उद्यमियों का कहना है कि जब तक मुंबई का कारोबार नहीं खुलेगा तब तक सूरत में भी हीरा उद्योग खोलने पर सिर्फ 20% ही व्यापार रहेगा हालांकि व्यापार शुरू होने से लोगों में उम्मीद जरूर बढ़ जाएगी।

कम दर पर लोन के लिए 1 जून तक करना होगा इंतज़ार

गुजरात सरकार की ओर से 21 मई से आत्मनिर्भर गुजरात सहाय योजना के लिए अलग-अलग कोऑपरेटिव बैंकों में फॉर्म का वितरण शुरू किया गया था।इसके अटपटे नियमों को लेकर दिन भर असमंजस बना रहा।बैंकों में संकलन नहीं होने से कुछ जगह फॉर्म वितरण का काम नहीं शुरू हो पाया। इस कारण कॉपरेटिव बैंक फेडरेशन ने सभी बैंकों को 1 जून तक फॉर्म वितरण का काम स्थगित करने को कहा है। मिली जानकारी के अनुसार कोरोना के बाद शहर में बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हो गए हैं। ऐसे में राज्य सरकार उनकी मदद करना चाहती है। राज्य सरकार ने आत्मनिर्भर गुजरात सहाय योजना नाम की एक स्कीम शुरू की है। इस योजना में राज्य सरकार लोगों को एक लाख कारण उपलब्ध करवा रही है। इसमें ग्राहकों को 2 फ़ीसदी ब्याज देना होगा और राज्य सरकार 6 फ़ीसदी ब्याज देगी।योजना के फॉर्म कोऑपरेटिव बैंकों में मिलने थे और वहीं से लोगों को ऋण भी उपलब्ध कराया जाएगा।किंतु लोगों में अभी तक किसकी जानकारियां नहीं आ सकी है
।साथ ही इसके कुछ नियम बढ़ेगी अटपटे हैं जो कि ऋण लेने वालों को समझ नहीं आ रहे है। ऐसे में गुरुवार से फॉर्म वितरण का काम तो शुरू हो गया लेकिन कई बैंकों में फॉर्म नहीं पहुंचने के कारण कुछ बैंकों में ही फॉर्म बटे।अव्यवस्था के चलते को ऑपरेटिव बैंक फेडरेशन ने सभी कोऑपरेटिव बैंकों को 1 जून तक फॉर्म वितरण का काम रोक देने को कहा है। 1 जून के बाद फोन में दी गई जानकारियों के बारे में स्पष्टता होने के बाद और बैंकों की सुविधा को देखते हुए फिर से फॉर्म भरने का काम शुरू किया जाएगा।