सूरत बीते साल राजकोट में गेमजोन में आग लगने के कारण कई लोगों की जल जाने से मौत हो गई थी।इस घटना के बाद सरकार ने सक्रियता दिखाते हुए राज्य भर में फायर ब्रिगेड संबंधित नियमों में कई सुधार किया। फायर डिपार्टमेंट ने भी इस मामले के बाद कई नए परिवर्तन किए। इसी दौरान राज्य भर के तमाम कॉर्पोरेशन और नगर पालिका में फायर प्रिवेंशन विंग की रचना भी की गई। जिसका काम आग लगने की घटना काम की जा सके इस पर काम करना था। इसके लिए अलग से स्टाफ भी रखे जाने का प्रावधान किया गया था।
सूरत में फायर प्रिवेंशन विंग के अंतर्गत 51 स्टाफ की नियुक्ति करने का फैसला किया गया था लेकिन अभी तक फायर प्रिवेंशन विंग में स्टाफ की नियुक्ति नहीं की गई है। इसके चलते यह विभाग सिर्फ नाम का ही बनकर रह गया है।फायर डिपार्टमेंट के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फिलहाल सूरत के फायर डिपार्टमेंट में 175 स्टाफ की कमी है। नियम के अनुसार फायर डिपार्टमेंट के लिए 1530 स्टाफ नियुक्त किए गए हैं। अलग-अलग कैटेगरी में कर्मचारी की कमी है। इनमें सबसे अधिक फायर प्रिवेंशन विंग के स्टाफ की कमी है। बल्कि ऐसा भी कह सकते हैं कि अभी तक इस प्रिवेंशन विंग में एक भी नियुक्ति ही नहीं की गई। पालिका के सूत्रों का कहना है कि आगामी दिनों में प्रिवेंशन विंग लिए स्टाफ की भर्ती की जाएगी लेकिन अभी कुछ औपचारिकता बाकी है। जैसे की स्टैंडिंग कमेटी में इस पर निर्णय लिया जाएगा। साथ ही अन्य प्रक्रियाओं के बाद भर्ती की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि सूरत शहर में बड़े पैमाने पर उद्योग होने के कारण आग की घटनाएं आए दिनों बनते रहती है। हाल में ही शिवशक्ति मार्केट में आग लगने के कारण फायर डिपार्टमेंट को कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ा था और 36 घंटे के बाद आग पर काबू पाया जा सका। सूरत फायर डिपार्टमेंट के लिए नई टेक्नोलॉजी वाली मशीन और स्टाफ पर्याप्त स्टाफ दोनों ही बहुत जरूरी है। इसे ध्यान में रखते हुए पालिका ने बजट में भी कई प्रावधान किए हैं।
मनपाआगामी दिनों में सूरत में नए चार फायर स्टेशन भी शुरू करने की कवायत जारी है।साथ ही 100 मीटर से अधिक का हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म मशीन भी विदेश से खरीदा जाएगा।पालिका की ओर से बीते दिनों भी विदेश से मशीन मंगाई गई थी जो की हायराइज बिल्डिंग में आग लगने पर तुरंत ही काबू पाने के लिए उपयोग में ले जाएंगे। साथ ही ऊंचाई पर लगी आग को रियल टाइम ऑनलाइन देखा जा सके इसलिए ड्रोन भी खरीदा जाएगा ।ताकि वहां की स्थिति का अनुमान लगाकर वहां पहुंचना है इसका अंदाज लगाया जा सके।