कोरोना की वैश्विक असर के कारण मीडल इस्ट के देशों में होने के कारण वहां भी व्यापार उद्योग बंद हो रहे है। इसके चलते वहां रहने वाले भारतीय लोग बेरोजगार हो गए हैं। दोहा के कतार में ओइल एंड गैंस, जेम्स एंड ज्वैलरी, कन्स्ट्रक्श तथा फायनान्स आदि सेक्टर बंद हो जाने के कारण लाखो भारतीय बेरोजगार हो गए हैं। पैसों के अभाव में वहां रहना अब मुश्किल होने के कारण वहां रहने वाले भारतीय अब भारत लौट रहे हैं।
वहां रहने वाले 169 गुजराती लोग दो दिन पहले ही लौटे हैं। इनमें से डुम्मस-भीमपोंर के 14 लोग भी शामिल हैं। इनमें अहमदाबाद, राजकोट, वलसाड के लोग भी शामिल हैं। इनमें कुछ लोग ऐसें भी है जो कि अपने परिवारजनों को वहां मिलने गए थे और फंस गए थे। कतार स्थित गुजराती समाज के प्रमुख देवांग पटेल और उपप्रमुख चेतन तलाटी ने मीडिया को बताया कि मार्च के बाद जो लोग लॉकडाउन के कारण फंस गए थे उन्हें भेजने की व्यवस्था गजराती समाज ने की।
कतार में वंदे भारत के तहत एक फ्लाइट आने के बाद भी ब़ड़ी संख्या में भारत के लोग फंस गए थे। उन्होने गुजराती समाज का संपर्क किया। गुजराती समाज ने इन्डिगो एयरलाइंस के साथ संपर्क कर इन लोगों के लिए व्यवस्था कर एक फ्लाइट चार्टर की। इसके माध्यम से 169 लोग दो दिन पहले पहुंचे।
बड़ीं संख्या में मिकेनिकल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियर, फाइनांस कंट्रोलर, सिविल इंजीनियर, आर्किटेक्ट तथा जेम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर से जुडे लोग बेरोजगार हो गए हैं। वह इंडियन एम्बेसी के संपर्क में हैं।
उन्होंने बताया कि जो लोग आठ दस साल से यहं रह रहे थे वह भी नौकरी जाने से बेरोजगार हो गए है। यहां रहने का ्खर्च तथा पढाई लिखाई की खर्च बुहत होने से वह परेशान होकर भारत लौट रहे हैं।
कतार के दोहा से सूरत और वलसाड के लोग भी बड़ी संख्या में लौटे हैं। डुम्मस के अमित और सुनील नाम के युवक भी वापिस लौटे हैं। वह भी वहां की बडी इंजीनियरिंग कंपनी में काम करते थे। गुजरात लौटे कई लोगों को अतुल और कई लोगों को नवसारी में क्वारंटाइन किया गया है।
(प्रतिकात्मक तस्वीर)