कोरोना के उपचार के लिए दुनियाभर के देश दवा ढूंढने में लगे हैं।अभी तक कोरोना के उपचार के लिए कोई दवा नहीं मिल सकी है। सभी देश कुछ दवाओं के माध्यम से इसका उपचार जरूर कर रहे हैं। लेकिन कोरोना के लिए अभी तक सीधी कोई दवा नहीं मिल सकी।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने अभी तक कोरोना के उपचार के लिए हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन नाम की दवा को मंजूरी दी है। इसके बाद इबोला के उपयोग के लिए उपचार में ली जाने वाली रेमिडिसिविल दवा को भी मंजूरी दी गई है।
पेरामवीर नाम की और एक दवा को मंजूरी मिल सकती है। अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने मंजूरी दे दी है। इस दवा का उपयोग स्वाइनफ़्लू जैसी बीमारियों को रोकने के लिए किया जाता है। यह एक एंटीवायरल दवा है, जिसका उपयोग इमरजेंसी में किया जाता है।
इस दवा का उत्पादन अमेरिका में होता है। 2008 से इस दवा का ट्रायल शुरू किया गया था और 2014 में इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली थी। यह खूब असरकारक एन्टि वायरल है। दुनिया के कई देशों में इस दवा के उपयोग पर मुहर लगाई गई है। कई देशों में पेरामिफ्लू के तौर पर जानी जाती है। इस दवा के कई साइड इफेक्ट होने के कारण भी इसे डॉक्टर्स के निगरानी में लेना ही हितावह है।
आपको बता दें कि दुनिया के कई देश अभी तक कोरोना के लिए दवाई बनाने के प्रयास में जुटे हैं। और कुछ देशों ने तो इसमें बहुत सफलता हासिल कर लेने की भी दावा किया हैं। देखते हैं यह है कि नई दवाओं के उपयोग से कोरोना पर असर पड़ता है या नहीं यह तो समय ही बताएगा।