कोरोना के कारण 16 दिनों में 200 से अधिक मौत, अब तक कुल 401

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बीते तीन सप्ताह में कोरोना किस तरह से भयानक हुआ है। उसका अंदाजा आपको यह जानकर पता चल जाएगा कि सूरत में अब तक कोरोना से मरने वालों की संख्या 401 पर पहुंची है। जिसमें कि 207 मौतें तो बीते 16 दिनों में ही हुई है। इस तरह से पिछले 3 सप्ताह सूरत के लिए बहुत ही निराशाजनक रहे हैं।

आगामी दो सप्ताह भी बेहद चिंताजनक होने की जानकारी प्रशासन की ओर से दी जा रही है।मिली जानकारी के अनुसार सूरत में प्रशासन पहले ही लोगों से कुछ दिनों तक मतलब कि आगामी दो सप्ताह तक सावधानी बरतने को बार-बार कह रहा है। प्रशासन ने बड़े-बुजुर्गों से बाहर नहीं निकलने की अपील की है।


साथ ही युवाओं को भी यदि जरूरत ना हो तो बाहर नहीं निकलना चाहिए ऐसी सलाह दी है। प्रशासन की ओर से बार-बार सोशल डिस्टेंस का पालन करने और मास्क पहनने की अपील की जा रही है। इसके बावजूद मरीज लगातार बढ़ते जा रहे हैं। आपको बता दें कि बीते तीन सप्ताह में सूरत की हालत ज्यादा खराब हुई है।


लॉकडाउन समाप्त होने के बाद अनलॉक में सरकार ने लोगों से आर्थिक गतिविधि बनी रहे इसलिए कई शर्तों के साथ व्यापार उद्योग खोलने की छूट दी थी लेकिन, जैसे ही व्यापार उद्योग खुले वैसे ही कोरोना भी तेज हो गया।

हीरा उद्योग में काम करने वाले सबसे ज्यादा लोग संक्रमित हो गए ।कतारगाम और वराछा जोन में अभी तक बड़ी संख्या में केस दर्ज हो रहे हैं। बीते तीन सप्ताह की बात करें तो कोरोना के कारण बीते दो सप्ताह में ही 207 से अधिक मौतें हो चुकी हैं। सूरत में 22 मार्च को सबसे पहले मरीज की कोरोना से मौत हुई थी। जिसमें की सेंट्रल जेल में रहने वाले 67 वर्षीय हीरा उद्यमी की मौत हुई थी।

इसके बाद से मौत का सिलसिला शुरू हो गया 116 दिन में अब तक 401 लोगों की मौत हो चुकी है। सूरत में कोरोना की परिस्थिति को समझते हुए दिल्ली के एम्स के 4 डॉक्टर दौरे पर हैं। 30 जून तक सूरत में 178 लोगों की कोरोना से जान गई थी। यदि इसमें सूरत जिले के लोगों को भी जोड़ लिया जाए तो कुल 194 लोगों की मौत कोरोना से हुई थी। अब यह गति तेज हो गई है।

जुलाई के 16 दिनों में ही शहर और जिले में लाकर 207 लोगों की जान गई है। मृतकों में सबसे ज्यादा बुजुर्ग लोग हैं। 40 से कम उम्र वाले 8 लोग हैं। सूरत में फिलहाल कोरोना पॉजिटिव की संख्या नौ हजार के करीब है जिसमें की 4000 से अधिक के तो बीते 16 दिन में ही दर्ज हुए हैं सूरत की स्थिति ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है।