लॉकडाउन के दौरान के दिनो का वेतन चुकाने के लिए सुप्रिम कोर्टने आदेश दिया है। इसके अनुसार राज्य के चीफ लेबर कमिशनर ने सूरत, अहमदाबाद, वडोदरा, तथा राजकोट के डिप्टी लेबर कमिश्नर को परिपत्र भेजकर कोर्ट के 12-6-2020 के फैसले के अनुसार 25-3-2020 से 17-5-2020 तक का वेतन चुकाने के लिए उद्यमियों को कहा है। साथ ही 1 जुलाई को जिले के अनुसार इसकी जानकारी देने को कहा है।
इस परिपत्र के चलते इएसआइ, पीएफ तथा गुमास्ता धारा के अंतर्गत दर्ज चार लाख लोगों को ल़कडाउन के दौरान का वेतन मिलेगा। चीफ लेबर कमिश्नर ने पहले कंपनी और कर्मचारियों के युनियन के बीच बातचीत से मामला सुलटाने को कहा है यदि ऐसा नही हुआ तो डिप्टी कमिश्नर को मामला सुलटाना होगा।
सुप्रिम कोर्ट ने यह भी कहा है कि भले ही यूनिट लॉक़डाउन में पूरी क्षमता से नहीं चले हो तो भी वेचने देना होगा। ऐसा नहीं करने पर श्रम कानून के अंतर्गत कार्यवाही की जा सकती है। बताया जा रहा है कि इस फैसले से एक अंदाज के अनुसार हीरा उद्योग को श्रमिकों को 2333 करोड और कपड़ा उद्यमियों को 8000 करोड रुपए चुकाने पड़ सकते हैं।
रिक्शा में यात्रा करने वाले ध्यान से पढ़ें
यदि आप सूरत में खरीद या अन्य किसी उद्देश्शय से जा रहा हैं और आप को रेलवे स्टेशन से रिंगरोड की किसी मार्केट में खरीद के लिए जाना है तो एक बार ध्यान से पढ लिजीए। शायद आप किसी रिक्शा में किसी चीटर गैंग का शिकार बनने से बच जाए।
मिली जानकारी के अनुसार महिधरपुरा पुलिस ने मिली पूर्व जानकारी के आधार पर सहारा दरवाजा चार रास्ता के पास से जी-जे-5बीवी 9051 को रोककर फिरोज भाई सलीम शेख(29) (बापुनगर झुपडपट्टी, अडाजण) तथा उसके साथ अन्य तीन अन्य शाकभाजी बेचने वाले मुस्ताक सलीमखान पठान( रूस्तम पुरा, सलाबतपुरा) मजूरी काम करने वाले साबिर पप्पुशेख(20)(दादा मोटर्स के पास, रांदेर) तथा राहुल रमेश राठोड(शनिवारी बाजार, चौक बाजार) को 14800 रुपए के अलग अलग कंपनी के मोबाइल के साथ पकड़कर सात मोबाइल नकद सात सौ पचास तथा रिक्शा सहित कुल 75550 रूपए का कुल सामान जब्त किया।
पुलिस की जांच पडताल में पता चला कि रिक्श चालक फिरोज और अन्य तीनो शातिर अपराधी है जो कि सूरत रेलवे स्टेशने यात्रियों को रिक्शे में बिठाने के बाद नजर चुका कर या तो रिक्शा में बैठने के बहाने सीट पर थोडा आगे पीछे होकर यात्री के खिसे से मोबाइल और नकदी चुरा लेते थे। गत मंगलवार को इन लोगों ने सूरत में उधना दरवाजा के समीप रहने वाले सत्यव्रत अवधेश शिवशंकर दूबे के पैन्ट से चार हजार रूपए का मोबाइल चुरा लिया और सहारा दरवाजा के पहले रिक्शा से उतरकर फरार हो गए।
इसी तरह से अन्य राज्यों से आने वाले व्यापारियों को सूरत रेलवे स्टेशन पर रिक्शा में बिठाते हैं और उनके खिसे से रुपए और मोबाइल पार कर लेते हैं।
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