डेस्क
आज तक हम सबने श्रवण की माता-पिता भक्ति की कहॉनिया सुनी थी, लेकन लॉकडाउन के कारण कई शहरों में बुजुर्ग माता-पिता की सेवा में बच्चों ने इस उदाहरण के समान ही सेवा काम किया है। आज आपको हम जो बताने जा रहे हैं वह सुनकर आप भी इस युवक के सेवाभाव से अभिभूत हो जाएंगे।
नेपाल में रहने वाला शेर सिंह पटना की एक निजी कंपनी में काम करता है ,लेकिन लोकडाउन के कारण वह पटना में ही फंस गया था। पटना में वह अपनी माता के साथ रहता था। डेढ महीने से माता और पुत्र घर में ही लॉकडाउन का सामना कर रहे थे। ऐसें में शेर सिंह की माता ने उसे नेपाल में परिवारजनों से मिलने की इच्छा व्यक्त की। पहले शेरसिंह ने उन्हें समझाया। इसके बाद जब वही मानी तो साइकिल पर 1000 किलोमीटर नेपाल के निकल पड़ा है ।पीछे उसने अपनी माता को बिठा रखा है ।शेर सिंह ने बताया कि धूप मे लंबा ररास्ता काटना मुश्किल है लेकिन , उसके पास कोई विकल्प नहीं है ।वह दोपहर को साइकिल चलाता है और रात को आराम करता है ।बनारस से 25 किलोमीटर पहले मिर्ज़ापुर बाजार से गुजर रहे इस युवक पर लोगों की नजर पड़ी तो लोग दंग रह गए ।बिहार से नेपाल की सीमा बंद होने के कारण शेर सिंह बनारस ,प्रतापगढ़ ,गोंडा ,बहराइच होकर नेपाल जाना चाहता है ।लेकिन लोक डाउन में कोई साधन नहीं मिलने के कारण साइकिल पर ही नेपाल के लिए निकल पड़ा है । रास्ते में कई स्थानों पर उसे पुलिस के जवानों ने रोका भी लेकिन उसकी माता कि इच्छा देखकर छोड दिया।
शेर सिंह का कहना है कि वाह अपनी मां की इच्छा के लिए नेपाल जा रहा है लोग समाप्त होने के बाद वह फिर आएगा ।लोकडाउन के कारण दुकान बंद है ।चाय भी नहीं मिल रही ।जीना मुश्किल हो गया है ।शेर सिंह ने कहा कि रास्ते में लोगों का साथ मिल रहा है ।कहीं हम रुकते हैं तो लोग नाश्ता जापानी आदि दे देते हैं ।मैं अपनी मां के साथ नेपाल पहुंच जाऊं इसके लिए प्रार्थना करो ।शेर सिंह की तरह कई लोग जो कि लोग में फंस गए हैं वह किसी न किसी तरह से अपने वतन के लिए निकल पड़े हैं कोई पैदल तो कोई साइकिल पर रास्ता तय कर रहे हैं। कभी ने कभी तो वह नेपाल पहुंच ही जाएगा। शेरसिंह के चेहरे पर आत्मविश्वास और मात-प्रेम झलक रहा था.