24 घंटो में 10 राज्यों में कोरोना का नया केस नही!!

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डेस्क

देशभर में जहां ज़्यादातर राज्यों में कोरोना के मामलों ने हाहाकार मचा रखा है। वहाँ कुछ स्थानों से राहत के समाचार भी है। 24 घंटों में देश के 10 राज्यों में कोविद -19 का एक भी मामला सामने नहीं आया है, जबकि देश के 4 राज्य अभी तक कोरोना वायरस के संक्रमण से मुक्त हैं।

रविवार को मंडोली में कोविड -19 केयर सेंटर का दौरा करने के लिए, हर्षवर्धन ने कहा कि वर्तमान में देश में कुल 4362 कोविड केयर केंद्र हैं, जिनमें 3,46,856 हैं।उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा 72 लाख एन 95 मास्क, और 36 लाख पीपीई किट राज्यों को भेजे गए हैं।

जिन चार राज्यों में अभी तक कोविद -19 का कोई मामला सामने नहीं आया है उनमें सिक्किम, नागालैंड और लक्ष्यदीप हैं। अंडमान और निकोबार, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और मिजोरम में कोरोना वायरस के कोई पॉजिटिव मामले नहीं आए।

उल्लेखनीय है के कारण देश में मरीजो की संख्या लगातार बढ रहे हैं। देशभर में रविवार दोपहर तक कोरोना पॉज़िटिव की संख्या 63000 के क़रीब थी। भारत में सबसे अधिक कोरोना के मामले महाराष्ट्र में है। यहा कोरोना पॉज़िटिव मामलों की संख्या 20000 के ऊपर पहुँच गई है। यहाँ मृतांक भी ज़्यादा है।

सूरत के उधमियों ने किया वायरस और बैक्टीरिया प्रूफ़ सुट का अविष्कार !
हमेशा कुछ नया करने वाले सूरत के कपड़ा उद्यमियों ने कोरोना के मुसीबत के समय को मौके में बदल दिया है। सूरत के कपड़ा उद्यमी अब कोरोना से लड़ने के लिए काम करने वाले फ़्रंट लाइन वारियर्स के उपयोग में आने वाली पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्शन किट )का उत्पादन करने में जुट गए हैं।


सूरत में यश फैशन, लक्ष्मीपति ग्रुप और नोबेल टैक्स में पीपी सूट का उत्पादन शुरू किया है।बताया जा रहा है कि यह सूट 30 बार री यूज़ कर सकते हैं। साउथ इंडिया टैक्सटाइल रिसर्च एसोसिएशन ने इसे प्रमाणित किया है।


सूट बिल्कुल कारगर साबित है इसलिए इसको सर्टिफिकेट भी दिया गया है। सर्टिफिकेट मिलने के बाद लक्ष्मीपति ग्रुप में पांडेसरा जीआईडीसी क्षेत्र में पीपई सूट का उत्पादन भी शुरू कर दिया है। कोरोना के वायरस से बचने के लिए उपयोगी पीपीई सूट नॉन-वुवन यानी कि बिना बुने कपड़ों में से बनाया जाता है।


सूरत का कपड़ा उद्योग हमेशा से कुछ नया करने के लिए पहचाना जाता है नॉन-वुवन के बदले वूवन फैब्रिक में से पीपीई सुट तैयार कर टेक्सटाइल उद्योग को नई दिशा दी है। सूरत के पांडेसरा जीआईडीसी में यश फैशन ने भारत सरकार के मंत्रालय से मंजूरी लेकर प्रतिदिन 20000 पीपी सूट का उत्पादन शुरू कर दिया है। लक्ष्मीपति ग्रुप में भी प्रतिदिन 10000 सूट बनाना शुरू कर दिया है।

लक्ष्मीपति ग्रुप के संजय सरावगी ने बताया कि नॉन-वुमन एक ही बार उपयोग में लिया जा सकता है जबकि, वॉवन फैब्रिक से तैयार किया गया सुट कम से कम 30 बार पहन सकते हैं यह सूट 70 बार यूज हो सकता है। इस सूट के बारे में दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि नॉन वुवन सुट सिर्फ 4 घंटे ही पहन सकते हैं जबकि, वॉवन सुट 8 घंटे तक पहन सकते हैं। यह सिर से लेकर पांव तक होने के कारण पूरे शरीर को कवर करता है।


अन्य उद्यमी मनन गोंडलिया ने बताया कि गवर्मेंट ऑफ इंडिया की ओर से मंजूरी मिलने के बाद वह अपने डाइग मिल में पीपीई सूट तैयार कर रहे हैं। प्रतिदिन 60000 मीटर फैब्रिक से 20000 सूट का प्रोडक्शन किया जा रहा है। यह तमाम सूट भारत सरकार को सप्लाई किया जाएगा|