सूरत सूरत एयरपोर्ट पर अब से सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स के जवान सुरक्षा प्रदान करेंगे। इस बारे में गृह मंत्रालय से मंजूरी मिल चुकी है। अब तक सूरत एयरपोर्ट की सुरक्षा गुजरात राज्य पुलिस के पास थी।
गृह मंत्रालय से यह मंजूरी मिलने के बाद 360 से अधिक सीआइसीएफ के जवानों का काफिला सूरत एयरपोर्ट पर तैनात हो जाएगा। मिली जानकारी के अनुसार सूरत एयरपोर्ट पर लंबे समय से गुजरात पुलिस के 60 से अधिक जवान सिक्योरिटी प्रदान कर रहे थे।
सूरत एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय दर्जा मिलने के बाद चैम्बर ऑफ कॉमर्स, सूरत एयरपोर्ट अथॉरिटी, वी वर्क फ़ोर वर्किंग एयरपोर्ट एक्शन कमेटी की ओर से केंद्र सरकार से सीआईएसएफ की सुरक्षा व्यवस्था के लिए भी मांग की जा रही थी।
लंबे समय से यह मांग होने के चलते 10 जून के रोज गृह मंत्रालय से सूरत एयरपोर्ट पर सीआईएसएफ की सुरक्षा को मंजूरी दी गई है। अब तक सूरत एयरपोर्ट मात्र एक ऐसा कस्टम नोटिफाइड एयरपोर्ट था कि राज्य सरकार की पुलिस सुरक्षा दे रही थी सूरत एयरपोर्ट पर फिलहाल दिल्ली, मुंबई, पश्चिम बंगाल, हैदराबाद सहित कई राज्यों के लिए फ्लाइट उड़ती है।
इसके अलावा सप्ताह में चार दिन सूरत से शाहजहां के लिए भी विमान उड़ती है। फिलहाल कुछ औपचारिकताएं बाकी है यह औपचारिकता पूरी होने के बाद सूरत एयरपोर्ट पर सीआईएसएफ के जवान ड्यूटी पर तैनात हो जाएंगे।
अभिभावकों को शिक्षामंत्री ने फ़ीस में दी यह राहत
कोरोना के कारण लोगों की आर्थिक हालत खराब हो चुकी है। व्यापार धंधे बंद हो चुके हैं। लोग मानसिक तौर पर टूट चुके हैं। ऐसे में नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने की तैयारी हो चुकी है। स्कूलों की ओर से अभिभावकों को बच्चों की फीस भरने के लिए बार-बार नोटिस आ रहा है। इन सब मुद्दों को ध्यान में लेते हुए राज्य के शिक्षा विभाग ने अभिभावकों को थोड़ी राहत दी है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस वर्ष स्कूलों की फीस में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी। यदि कोई अभिभावक स्कूल की फीस नहीं भर सकता तो त्रैमासिक के स्थान पर प्रतिमाह भी भर सकता है। अभिभावकों को सितंबर महीने तक फीस भर सकते हैं। तब तक उन पर कोई दबाव नहीं डाला जाएगा। इसके अलावा ट्रांसपोर्टेशन, यूनिफॉर्म, और पुस्तकों के लिए पैसे नहीं ले जाएंगे।
शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग की मीटिंग हुई थी। स्कूल,कॉलेज, स्कूल के संचालक द्वारा वसूली जाती मुद्दों पर चर्चा हुई थी। शिक्षा मंत्री ने कहा के बाद अब देश डिजिटल की ओर जा रहा है। शिक्षा विभाग ने भी विद्यार्थियों का पढ़ाई खराब ना हो इसलिए डिजिटल की ओर जाने का फैसला किया है।
आगामी 15 तारीख से कक्षा तीन से आठवीं के विद्यार्थियों के लिए 30 मिनट और नौ से बारह के लिए लिए 1 घंटे शिक्षा दी जाएगी नहीं होगी। जिन के पास इन्टरनेट या टीवी जैसे उपकरण नहीं है उनको पाठय सामग्री पहुँचाई जाएगी।