सूरत डायमंड बूर्स को लगे पंखः हीरो के आयात- निर्यात के लिए कस्टम ने दी मंज़ूरी

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सूरत
सूरत के हीरा उद्योग के लिए ख़ुशी के समाचार हैं।हीरा उद्यमियों के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट सूरत डायमंड बूर्स में कस्टम क्लीयरेंस हाऊस शुरू करने की अनुमति मिल गई है।अर्थात कि सूरत के हीरा उद्यमी अब सूरत डायमंड बूर्स से हीरों का एक्सपोर्ट और इंपोर्ट कर सकेंगे।

डायमंड बूर्स के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खजोद में तैयार सूरत डायमंड बूर्स में 4200 से अधिक कार्यालय हैं जिनमें 500से अधिक कार्यालय शुरू हो चुके हैं।हीरा कारोबारी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हीरो का सौदा कर किया जा सके इस प्रकार की सारी सुविधाएँ हैं लेकिन यहाँ पर कस्टम ऑफिस नहीं होने के कारण हीरों का आयात निर्यात नहीं हो सकता था।

डायमंड बूर्स के पदाधिकारी इस बारे में बीते कई दिनों से कस्टम अधिकारियों से और सरकार से गुहार लगा रहे थे उनकी मेहनत रंग लायी है और 30 जुलाई से सूरत डायमंड बुक्स में कस्टम ऑफ़िसर शुरू करने की अनुमति मिल गई है।अभी तक सूरत एयरपोर्ट पर इंटरनेशनल कार्गो की व्यवस्था नहीं होने के कारण सूरत डायमंड बूर्स ने मुंबई एयरपोर्ट पर स्ट्रांग रूम बनाकर ट्रांसमिशन के लिए अनुमति ली थी।

अब मुंबई कस्टम विभाग की ओर से भी सूरत डायमंड बूर्स को कस्टोडियन के तौर पर अनुमति मिल गई है। सूरत डायमंड बूर्स में हीरों के आयात निर्यात की अनुमति मिलने के बाद से सूरत के हीरा उद्योग को पंख लग जाएंगे। अर्थात के सूरत के हीरा उद्यमियों को अब हीरो की ख़रीदी या कट-पॉलिश्ड हीरो रोके व्यापार के लिए विदेश नहीं जाना पड़ेगा।हीरा उद्यमी इसे एक बड़ा फ़ैसला मान रहे हैं।सूरत डायमंड बूर्स के वाईस चेयरमैन लालजी पटेल ने सूरत डायमंड वर्षों में कस्टम की सेवा शुरू हो जाने पर वित् मंत्री का आभार व्यक्त किया।

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