सूरत
कोरोना के कारण फसे श्रमिकों ने लॉकडाउन के कारण बीते दिनों अपने वतन जाने के लिए पैदल ही यात्रा शुरू कर दी थी ।उन्हें पुलिस ने पकड़ कर शेल्टर होम में रख दिया था सवा महीने से शेल्टर होम में रहने वाले 800 अन्य राज्यों के श्रमिकों को अब अपने वतन जाने दिया जाएगा ।
एस.टी बस गुजरात की सीमा तक ले जाएगी
शनिवार की शाम एसटी बस उन्हें गुजरात की सीमा तक छोड़कर आएगी यह फैसला किया गया है।इसके बाद संबंधित राज्य की सरकारें अपने राज्य तक ले जाने की व्यवस्था करेंगी शनिवार को मध्य प्रदेश के 116 मजदूरों का स्क्रीनिंग कर मध्यप्रदेश भेजा गया ।सूरत के कपड़ा उद्योग में बड़े पैमाने पर उत्तर प्रदेश ,बिहार ,छत्तीसगढ़ ,राजस्थान आदि राज्यों से लोग रहते हैं लॉकडाउन के कारण वह बेरोजगार हो गए हैं ।
बेरोज़गार श्रमिकों ने मचाया था बबाल
सवा महीने तक नौकरी धंधा नहीं होने के कारण उनके पास रुपए भी घट गए हैं ऐसे में बीते दिनों शहर के पांडेसरा ,वेड रोड ,सचिन आदि क्षेत्रों में श्रमिकों ने अपने वतन जाने के लिए बबाल भी किया था ।कुछ लोग पैदल ही अपने वतन के लिए निकल पड़े थे लेकिन ,शहर और राज्य की सीमाएं सील होने के कारण उन तमाम को रोक लिया गया था ,और शेल्टर होम में भेज दिया गया था ।शेल्टर होम में लगभग 800 श्रमिक थे ।अब उन्हें अपने राज्य में भेजने का फैसला किया गया है ।
कई राज्यों ने अपने श्रमिकों के ले जाने की तैयारी की
शनिवार को मध्य प्रदेश ,राजस्थान ,यूपी ,बिहार की सरकार ने अपने श्रमिकों को ले जाने के लिए तैयारी दिखाई है ।इसके साथ ही सूरत का शेल्टर होम में रहने वाले मजदूरों को उनके वतन में ले जाने के लिए एसटी विभाग की ओर से बस शुरू की गई है |सूरत के अलावा पलसाना ,बारडोली,उमरपाडा आदि शेल्टर होम में रहने वाले श्रमिकों को उनके भेजा जाएगा ।उल्लेखनीय है कि सूरत में अभी भी बड़े पैमाने पर अन्य राज्यों के लोग फंसे हुए हैं जोकि सामाजिक संगठन और राज्य सरकार की मदद पर ही जी रहे हैं ।श्रमिक बार-बार अपने वतन जाने की मांग कर रहे हैं ।
सासंद सीआर पाटिल में दिखाई मानवता
सांसद सीआर पाटील ने इस सिलसिले में सरकार में गुहार लगाई थी ।अब जिन लोगों को अपने वतन जाना है उन लोगों के लिए सांसद सीआर पाटील अपने ऑफिस से बस की व्यवस्था करने की तैयारी कर रहे हैं ।शनिवार को 8 बस तय की गई थी और 25 और भेजने की तैयारी चल रही है। श्रमिक वतन जाने वालों की जानकारी उनके कार्यालय पर जमा करवा रहे है।