सूरत
कोरोना के मरीजों के उपचार के लिए सूरत में उम्मीद की किरण जगी है ।दुनिया में कई देश कोरोना के उपचार के लिए प्लाज्मा थैरेपी का उपयोग कर रहे हैं ।
प्लाजमा थैरेपी से उपचार पर विचार
भारत में भी इस पद्धति से उपचार के लिए विचार चल रहा है । यदि सब ठीक रहा तो आगामी सप्ताह में सूरत में भी सिविल अस्पताल में प्लाज्मा थैरेपी से उपचार का आरंभ होगा ।सूरत में कोरोना के कारण 425 अधिक मरीज दर्ज हो चुके हैं ।सिविल हॉस्पिटल के और स्मीमेर में प्रतिदिन बड़ी संख्या में कोरोना के सैम्पल की जाँच हो रही है ।सरकार कोरोना की रोकथाम के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है ।इसके बावजूद कोरोना बढ़ रहा है। अब दुनिया के कई देशों के साथ भारत में भी कोरोना के उपचार के लिए प्लाज़्मा थैरेपी का उपयोग किया जाएगा ।
कई देशों में प्लाज़्मा थैरेपी से उपचार का प्रयोग
बताया जा रहा है कि कई देशों में प्लाजमा थैरेपी का प्रयोग शुरू किया गया है ।इस पद्धति के बारे में उच्च अधिकारियों ने बताया कि सूरत में इस पद्धति से उपयोग के लिए आईसीएमआर को दरखास्त भेज दी गई है ।यह मंजूर हो जाने के बाद सूरत में इस पद्धति से उपचार शुरू हो जाएगा ।
क्या है प्लाज़्मा थैरेपी
इस पद्धति में कोरोना से ठीक हो चुके मरीज के खून में से प्लाज़्मा अलग कर नए मरीज को चढ़ाया जाता है।कई मामलों में यह सफल रहा है इसलिए सूरत सिविल अस्पताल में भी इस पद्धति से उपचार करने की दिशा में प्रयास चल रहा है।
सूरत के कोरोना के आँकड़ों से चिंतित केंद्र सरकार
केंद्र सरकार गुजरात के सूरत और अहमदाबाद में तेजी से बढ़ रहे हैं कोरोना के पीड़ितों की संख्या को देखते हुए चिंतित केंद्र सरकार के 5 सदस्यों की टीम शनिवार को सूरत के दौरे पर थी ।टीम ने सूरत में कोरोनी को रोकने के लिए प्रशासन किस तरह काम कर रहा है उसकी समीक्षा की ।
सूरत में 15 लोगों की मौत
सूरत में अब तक कोरोना के कारण 425 से अधिक मरीज दर्ज हुए हैं ,जिनमें कि 15 लोगों की मौत हो चुकी है ।मृतकों में 50 वर्ष से अधिक के 12 लोग हैं ।कोरोना के कारण सूरत महानगर पालिका ने शहर के 18 क्षेत्रों के कुछ हिस्सों को रेड जोन के तौर पर घोषित किया है।