टिकिट के नाम पर पाँच सौ रुपए में दिया झेरोक्स!

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सूरत
ओडिशा जाने वाले 60 से अधिक श्रमिकों को टिकट के स्थान पर टिकट का जेरोक्स पकड़ा कर 500- 500 वसूल कर लिए गए।यह घटना शाम को जब श्रमिक बस में बैठने के लिए आए तब सामने आई।

मिली जानकारी के अनुसार अमरोली क्षेत्र में रहने वाले 60 से अधिक श्रमिक गत रोज शाम को पांडेसरा के पीयूष पॉइंट पर गांव जाने के लिए जब बस में चढ़ने लगे, तब उनसे टिकट मांगा गया। उन्होंने जो टिकट दिखाया उसे देखकर चेक करने वाला भी दंग रह गया। क्योंकि टिकट के स्थान पर ओड़िशा के लोगों ने उसे झेरॉक्स दिखाया। इसके बाद जांच शुरू की गई।

उन्होंने बताया कि अमरोली क्षेत्र में उन्होंने किसी से ₹500 देकर यह टिकट खरीदे हैं। कुल 60 लोग इस घटना के पीड़ित हैं। अमरोली पुलिस को इस बारे में जानकारी देकर श्रमिकों का रुपए वापस दिलाने के लिए प्रयास शुरू किया है।ओडिशा के अग्रणी प्रदीप साहू ने कार्यवाही शुरू की है।

उल्लेखनीय है कि अन्य राज्यों के श्रमिकों को ठगने का दौर अभी भी जारी है। गत रोज पुलिस ने निशुल्क टिकट का 1500 रुपए लेने वाले एक को गिरफ्तार किया था।यह सिलसिला अभी भी जारी है लेकिन, इसके बावजूद लाचार श्रमिकों को ठगने से कोई बाज नहीं आ रहा।


आज यूपी के लिए 22 और ओड़िशा से लिए छह ट्रेन दौड़ेंगी
सूरत यात्रियों के पलायन का दौर अभी भी जारी है।मंगलवार को बिहार के लिए अंतिम 10 ट्रेनें भेजने के बाद बिहार की ट्रेन नहीं भेजी जाएगी। अब सूरत में बसने वाले यूपी वासियों के लिए ज्यादा से ज्यादा ट्रेन दौड़ाई जाने का प्रशासन का प्रयास है। बुधवार को सूरत से यूपी के लिए 22 और उड़ीसा के लिए छह ट्रेन दौड़ेगी। इसके पहले मंगलवार को उत्तर प्रदेश के लिए 14 बिहार की दस और ओड़िशा क लिए सात ट्रेन रवाना हुई थी।

कल तक बिहार की कुल ट्रेन में 1.75 लाख को गांव भेज दिया गया। इसके बाद बिहार की ट्रेन नहीं जाएगी बताया जा रहा है कि सूरत में बसने वाले अन्य राज्यों के श्रमिकों को गांव भेजने के लिए रेल प्रशासन ने अब तक सूरत से 400 से अधिक ट्रेन दौडाई है जो कि, राज्य में सबसे अधिक है। अब तक सूरत से 11 लाख से ज्यादा श्रमिक अपने गांव जा चुके हैं।

अभी दो लाख से अधिक श्रमिक इंतजार कर रहे हैं। रेल प्रशासन 31 मई से पहले ज्यादा से ज्यादा ट्रेन चलाना चाहता है। ताकि श्रमिकों को उनके भेजा जा सके। इसके अलावा 31 मई के बाद भी कम हो जाएगी।


उल्लेखनीय है कि यूपी और बिहार की टिकट निशुल्क होने के बावजूद प्रशासन को टिकट की कालाबाजारी की जानकारी मिल रही है। इसके चलते प्रशासन ने कई जगह पर छापेमारी कर लोगों को गिरफ्तार भी किया है।