एक मरीज के दो रिपोर्ट एक पॉज़िटिव, एक नेगेटिव: चिंता में परिवार, क्या करें?

Spread the love

शहर में कोरोना के मरीज एक ओर बढ़ रहे हैं। दूसरी ओर कोरोनावायरस के रिपोर्ट में विसंगतता आने के कारण मरीज परेशान हो गए हैं।उधना क्षेत्र के एक अधेड़ का नई सिविल हॉस्पिटल में कोरोनावायरस नेगेटिव आया था। इसके बाद जब मनपा की टीम ने रिपोर्ट करवाया तो वह पॉजिटिव निकला।दोनों ही सरकारी एजेंसियों में अलग-अलग रिपोर्ट आने के कारण खुद डॉक्टर भी परेशान है।अधेड़ के परिवार जन भी इससे आक्रोशित हैं।


मिली जानकारी के अनुसार उधना क्षेत्र में बमरोली रोड पर रहने वाले 40 वर्षीय अधेड़ को 4 दिन से सर्दी खांसी और बुखार की तकलीफ थी। स्थानीय क्लिनिक में उनका उपचार चल रहा था। वहाँ ठीक नहीं होने से गत मंगलवार को उन्हे सिविल अस्पताल ले जाया गया था।इसके बाद उन्हें थोड़ी राहत हुई थी। इसके दूसरे दिन ही मनपा की ओर से। सवेरे की ओर से फोन आया और उन्हें बताया गया कि उनका कोरोनावायरस का रिपोर्ट पॉज़िटिव है।

इसके चलते उनके परिवारजनों में भी चिंता का माहौल है। उनके परिवारजनों ने जब मनपा के लोग अधेड़ को दाखिल करने के लिए घर पर पहुँचे तो झगड़ा भी किया और रिपोर्ट में विसंगतता के लिए खरी-खोटी भी सुनाई। एक और प्रशासन खुद ही लोगों से सतर्कता बरतने को कह रहा है। दूसरी ओर सरकार की ओर से मान्य दो एजेंसियों में ही रोना का रिपोर्ट अलग-अलग आने के कारण लोगों में चिंता का माहौल है।

कोरोना के खेतों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राज्य सरकार और सूरत महानगर पालिका ने आगामी दिनों में हॉस्पिटलों की संख्या बढ़ाने का फैसला किया है। इसके चलते प्रशासन ने 37 निजी अस्पतालों से कोरोना कि चिकित्सा के लिए चुना है।

मनपा के महापौर डॉक्टर जगदीश पटेल मनपा आयुक्त बंछानिधि पाणी, डिप्टी मेयर तथा स्थाई समिति के चेयरमैन की ओर से मिली जानकारी के अनुसार कोरोनावायरस तेजी से नहीं फैले इसलिए इसे रोकने के लिए आगामी दिनों में की ओर से कड़े कदम उठाए जा रहे हैं।

अभी तक सिविल अस्पताल में अस्पताल एवं शहर की अन्य 37 हॉस्पिटल के साथ एमओयू किया गया है। निजी अस्पतालों में मनपा की ओर से रेफर किए गए मरीजों को के लिए संपूर्ण खर्च राज्य सरकार उठाएगी। जबकि निजी अस्पतालों मैं खुद जाने वाले मरीजों को चार्ज देना होगा बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि शहर में 105 धनवंतरी रथ अर्ली ट्रीटमेंट अट योर डोर स्टेप शुरू किए जाएंगे। इनमें सामान्य बुखार सर्दी खांसी जैसे प्राथमिक लक्षण वाले मरीजों को घर पर ही उपचार दिया जाएगा।

शहरी जनों को हॉस्पिटल में एडमिट होने से डर लगता है। इसलिए वह बीमारी भी छुपाते हैं। जिन लोगों को सर्दी खांसी और बुखार के लक्षण दिखते हैं वह 104 फीवर हेल्प लाइन पर तुरंत सूचना दें या नजदीकी आरोग्य केंद्र पर जाएं जिन लोगों के पास देखरेख करने वाले लोगों के उन्हें घर पर ही इलाज कराया जाएगा।