सूरत
राज्य सरकार की ओर से सोमवार को लॉकडाउन-४ की गाइड लाइन आने के बाद उद्यमियों को चिंता थी कि उनका व्यापार शुरू हो सकेगा या नही। इस सिलसिले में कपड़ा संगठनों के अग्रणियों की कमिश्नर के साथ मीटिंग थी। मीटिंग में कमिश्नर ने एक बात साफ़ कर दी कि रेडजोन और कन्टेनमेंट ज़ोन के बाहर के मैन्युफ़ैक्चरिंग यूनिट ही खुल सकेंगे।
सूरत के र्रिंगरोड के कपड़ा बाज़ार की बात करें तो कपड़ा मार्केट के चारों ओर लिंबायत, आंजणा, सलाबतपुरा आदि कन्टेनमेंट ज़ोन होने के कारण कपड़ा मार्केट खुलना मुश्किल है। सारोली क्षेत्र के कपड़ा बाज़ार में भी कन्टेनमेंट क्षेत्र के बाहर के मार्केट खुल सकेंगे।
फैडरेशन ऑफ सूरत टैक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रमुख मनोज अग्रवाल ने बताया कि रिंगरोड के ज़्यादातर कपड़ा मार्केट कन्टेनमेंट ज़ोन में है। फ़िलहाल हम कौन से मार्केट किस ज़ोन मे है इसका पता लगा रहे है। यदि ज़्यादातर कन्टेनमेंट में रहे तो नहीं खोल पाएंगे। सारोली में भी यही हालात है। हालाँकि जो मार्केट कन्टेनमेंट क्षेत्र के बाहर है वह खोल सकेंगे। फ़िलहाल हम यह पता लगा रहे है कि कौन सी मार्केट किस ज़ोन में है शाम तक स्पष्ट हो जाएगा।
इसी तरह हीरा उधोग भी खुल पाना मुश्किल है। जैम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के रीजनल चेयरमैन दिनेश नावडिया ने बताया कि मीटिंग में प्रशासन की ओर से बताया गया है कि रेड ज़ोन और कन्टेनमेंट ज़ोन के अलावा मैन्युफ़ैक्चरिंग यूनिट पचास प्रतिशत श्रमिकों के साथ खोल सकेंगे। वराछा और महिधरपुरा के यूनिट नही खुलेंगे।
खुलेंगे डाइंग प्रोसेसिंग यूनिट
साउथ गुज़रात टैक्सटाइल प्रोसेसर एसोसिएशन के प्रमुख जीतू वखारिया ने बताया कि म्युनिसिपल कमिश्नर के साथ मीटिंग में चर्चा हुई।जिसमें बताया गया कि कडोदरा, पलसाणा, पांडेसरा सचिन कन्टेनमेंट ज़ोन के बाहर है इसलिए वहाँ सुबह सात से शाम सात बजे तक कारख़ाने खुल सकेगे। वखारिया ने कहा कि राष्ट्रहित को ध्यान में रखते हुए हम पूरी सावधानी के साथ यूनिट खोलेंगे।
उल्लेखनीय है कि सचिन जीआईडीसी और अंजनि इन्डस्ट्रियल एस्टेट में कई लूम्स के कारख़ाने चालू ह चुके है। कपड़ा बाज़ार पचास दिन से अधिक समय से बंद होने के कारण व्यापारियों को करोड़ों का नुक़सान हो चुका है। दूसरी ओर कपड़ा बाज़ार में काम करने वाले श्रमिक भी अब वतन जा चुके है। ऐसे में कपड़ा बाज़ार खुलने के बाद भी श्रमिकों की समस्या परेशान कर सकती है।