सूरत
सूरत में लॉकडाउन के दौरान फंसे लाखों श्रमिक अपने गांव लौटने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं ।ऐसे में श्रमिकों के लिए प्रशासन की ओर से कुछ व्यवस्था की जा रही है। कुछ संगठन ऐसा प्रयास कर रहे हैं कि राज्य सरकार की बस उन्हें गुजरात की सीमा तक छोड़ कर आए। यदि यह सफल होता है तो प्रोसेसिंग यूनिट संचालक गाँव जाने वाले अपने यहाँ के श्रमिक को एक हज़ार रूपए देगा।
इस बीच पांडेसरा जीआईडीसी के उद्यमियों ने सोमवार को मीटिंग कर जो श्रमिक वतन जाना चाहते हैं उन्हें गांव जाने के खर्च के लिए ₹1000 देने का फैसला किया है |मिली जानकारी के अनुसार पांडेसरा जीआईडीसी में सोमवार को पांडेसरा पुलिस के इंस्पेक्टर डीके पटेल तथा पांडेसरा जीआईडीसी के प्रोसेस एसोसिएशन की मीटिंग हुई थी इसमें यह तय हुआ कि जो श्रमिक अपने वतन जाना चाहते हैं उन्हें ₹1000 खर्च के तौर पर दिया जाएगा |
उद्यमियों का कहना है कि प्रोसेसिंग यूनिट जो व्रत पर चलता है कोरोना की महामारी के दौरान बीते 1 महीने से प्रोसेसिंग यूनिट बंद है और मई में भी प्रोसेसिंग यूनिट चलने के आसार नहीं नजर आ रहा है ।ऐसे में 90 महीने में भी बंद रहेंगे ।इसलिए कई श्रमिक जो कि अपने वतन जाना चाहते हैं उन्हें प्रोसेसर ₹1000 खर्च के तौर पर देंगे ।इसके अलावा गांव जाने के लिए आवश्यक आई कार्ड भी यूनिट देंगे सभी यूनिटों को अपने यहां काम करने वाले श्रमिकों की जानकारी पुलिस स्टेशन में जमा करानी होगी।
साउथ गुजरात टैक्सटाइल प्रोसेसर एसोसिएशन के प्रमुख जीतू वखारिया और पांडेसरा एसोसिएशन के प्रमुख कमलविजय तुलस्यान ने बताया कि कोरोना के कारण मई में भी उधोग बंद रहेंगे। ऐसे में कई श्रमिक वतन जाना चाहते है। यदि राज्य सरकार की बस सेवा इसके लिए तैयार है तो हम उन्हें वतन तक जाने का खर्च एक हज़ार रूपए तक देंगे।