वराछा पुलिस ने बुधवार की रात में कर्फ्यू होने के बावजूद घूमने निकले चार मित्रों को बचाने की सिफारिश करने के लिए दौड़ आए विधायक के पुत्र सहित चार युवकों के खिलाफ पुलिस का निर्देश भंग करने और एपिडेमिक डिजीज एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
मिली जानकारी के अनुसार बुधवार की देर रात शहर के वराछा क्षेत्र में मानगढ चौक पर महिला पुलिस कर्मी सुनीता यादव अपनी ड्यूटी कर रही थी। उस दौरान कार में चार से पांच युवक मास्क पहने बिना जा रहे थे। उस दौरान महिला पुलिसकर्मी सुनीता यादव ने उन्हें रोका और कर्फ्यू का भंग करने के कारण उनसे पूछताछ शुरू कर दी। इस पर कार में बैठे युवकों ने विधायक के पुत्र को फोन लगाकर वहीं पर बुला लिया।
बताया जा रहा है कि विधायक पुत्र ने पुलिसकर्मी सुनीता यादव को 365 दिन उसी पॉइंट खड़े रखने की धमकी दी। इस पर महिला पुलिसकर्मी ने अपने ऊपरी अधिकारियों को भी इसकी जानकारी दी लेकिन, सहयोग नहीं मिलने के कारण वह निराश हो गईं।
चर्चा है कि महिला पुलिसकर्मी और विधायक तथा गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री कुमार कानाणी के पुत्र के बीच रात को काफी बहस हो गई थी। इस दौरान का वीडियो भी बनाया गया है। जिसमें की महिला कर्मी ने विधायक के पुत्र को नसीहत दी है कि यदि वह विधायक के पुत्र हैं तो खुद भी नियम का पालन करें और अपने दोस्तों से भी नियम का पालन करवाएं। क्या विधायक का पुत्र होने से उन्हें नियम नहीं लागू होता है?
और यदि वह विधायक के पुत्र हैं तो विधायक की गाड़ी लेकर खुद क्यों चला रहे हैं। इस घटना के बाद महिला पुलिसकर्मी सुनीता यादव ने अपना इस्तीफा भी दे दिए होने की चर्चा बड़ी जोर शोर से थी। इस बारे में पूरे शहर में बात फैली तो लोगों ने इस महिला पुलिसकर्मी की हिम्मत की सराहना की।
इस घटना के बारे में एसीपी सीके पटेल को जांच सौंपी गई है। पुलिस कमिश्नर ने भी इस पूरी घटना को गंभीरता से लेते हुए मामले में आरोपी कौन है इसकी जांच के आदेश दिए हैं।