चीन ने लद्दाख बोर्डर पर चल रहे विवाद के बीच धोखे से 20 भारतीय जवानों की हत्या कर देने के विरोध में देशभर में चीन के प्रति नाराजगी है। सूरत में लोगों ने बुधवार को चीन का बहिष्कार करते हुए चीन के राष्ट्रपति जीनपिंग का पुतला जलाया और चीन के सामान का विरोध किया।
मंगलवार को भारतीय सैनिकों पर हमला कर मार देने की जानकारी आते ही देशभर में लोगों में नाराज़गी देखने को मिली। कोरोना के कारण भारत के लोग पहले से ही चीन से नाराज है। ऐसे में मंगलवार की घटना के बाद से भारत में चीन का विरोध और बढ गया है।
लोगों ने चीन के राष्ट्रपति जीनपिंग का पुतला जलाया। बॉम्बे मार्केट के पास पंचरत्न सोसायटी मे तो लोगों ने टीवी सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक आइटम घरों से निकाल कर फेंक दिए। लोगों का कहना है कि जो चीन हमारे देश के सैनिकों को धोखे से मार रहा है उसकी चीजों का बहिष्कार होना चाहिए।
कैट ने शुरू किया देशव्यापी अभियान
चीन के सैनिकों ने धोखे से भारत के सैनिकों की मार दिए जाने की घटना के बाद देश भर में नाराजगी का माहौल है। कैट ने ऐसे में चीन के सामान का बहिष्कार करने का फैसला किया है। बीते 41 दिन से चीन और भारत के बीच लद्दाख सीमा पर विवाद चल रहा है कॉन्फ़िडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स में कुछ दिनों पहले ही चीन की इस रवैया का विरोध करते हुए चीन के माल का विरोध करने का फैसला किया था।
कैट ने इसके लिए देशव्यापी मुहिम भी शुरू की है। कैट का कहना है कि चीन की कई वस्तुएं जो भारत में आयात होती हैं वह भारत में भी बन सकती हैं ऐसे में हम चीन की वस्तुएं खरीद कर अपनी अर्थव्यवस्था को कमजोर कर रहे हैं
कॉन्फ़िडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स में कुछ दिनों पहले ही चीन की इस रवैया का विरोध करते हुए चीन के माल का विरोध करने का फैसला किया था। कैट ने इसके लिए देशव्यापी मुहिम भी शुरू की है कैट का कहना है कि चीन की कई वस्तुएं जो भारत में आयात होती हैं वह भारत में भी बन सकती हैं ऐसे में हम चीन की वस्तुएं खरीद कर अपनी अर्थव्यवस्था को कमजोर कर रहे हैं ने चीन की 3000 से अधिक वस्तुओं की सूची बनाई है जो कि भारत में भी बन सकती है।
। गुजरात रीजन के प्रमुख प्रमोद भगत ने बताया कि कैट की ओर से पांच सौ वस्तुओं की सूची जारी की गई है।जो कि भारत में बनती है इन वस्तुओं को भारत में नहीं करने की मांग की जाएगी। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल तथा केंद्र सरकार के सामने कैट यह प्रस्ताव रखेगा की जो चीजें भारत में नहीं बन सकती हैं। उन चीजों के उत्पादन के लिए भारत में व्यवस्था खड़ी की जाए।