इस कपड़ा मार्केट के व्यापारियों ने किराया माफी की मांग! नहीं तो सोमवार से बंद ?

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किराया माफी को लेकर कपड़ा बाजार की कई मार्केट में चल रही मांग में गुरूवार को राधाकृष्ण टैक्सटाइल मार्केट के व्यापारी भी जुड़ गए। राधाकृष्ण टैक्सटाइल मार्केट में किराए से दुकान चलाने वाले व्यापारी बड़ी संख्या में दुकानों के बाहर निकल आए और गैलरी में ही बैठकर किराया माफी को लेकर नारेबाजी करने लगे। व्यापारियों का कहना है कि तीन महीने का किराया माफ होना चाहिए।

इसके अलावा व्यापारी मैंटेनेस और पार्किंग चार्ज भी माफ करने की मांग कर रहे है। कई व्यापारी यदि मांग नहीं मानी जाती तो सोमवार से दुकान बंद करने की बात भी कह रहे थे। कुछ दुकानदारों ने दुकाने खोल रखी थी उनकी दुकाने भी समर्थन के लिए बंद करा दी गई। 


इसके पहले मंगलवार को सूरत टैक्सटाइल मार्केट तथा यूनिवर्सल मार्केट और बुधवार को जेजे एसी तथा मिलेनियम मार्केट में व्यापारियों ने किराय माफी को लेकर अपनी बातें दुकान मालिकों को सामने रखी। व्यापारियों का कहना है कि लॉकडाउन के दिनों में दुकाने बंद होने से एक रुपए की आवक नहीं हुई है। ऐसे में दुकान के मालिकों को परिस्थिति समझते हुए दुकान का किराया तीन महीने तक माफ कर देना चाहिए।

लॉकडाउन के बाद कपड़ा मार्केट खुला है तब से कपड़ा बाज़ार में किराया माफ़ी को लेकर विवाद चल रहा है। इसे लेकर बीते दिनों में पुलिस की अध्यक्षता में फोस्टा सहित अन्य व्यापारी संगठनों की मीटिंग भी हुइ लेकिन फ़ैसला नहीं हो पाया।

आड़ी की सीजन ने भी व्यापारियों को किया निराश

कपड़ा व्यापारियों के लिए यह साल अभी तक अच्छा नहीं बीता है। रमजान और लग्नसरा की खरीदी कमजोर रहने के बाद दक्षिण भारत में ऑडी की सीजन भी व्यापारियों का साथ नहीं दे रही है।

सामान्य तौर पर जून- जुलाई महीने में दक्षिण भारत में साड़ी सेल के लिए बड़े पैमाने पर सूरत के व्यापारियों को आर्डर मिलते थे लेकिन इस बार ऑडी चल की ग्राहकी हुई कमजोर रहे थोड़े बहुत आर्डर मिले थे लेकिन दक्षिण भारत के तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में फिर से लॉकडाउन घोषित कर दिए जाने के कारण वह भी रद्द हो गए।

व्यापारियों को इस बार बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है।कपड़ा व्यापारियों का कहना है कि हर साल कम से कम आडी मासम के दौरान सात सौ करोड़ का व्यापार होता था लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ।
सूरत के कपड़ा व्यापारियों को दक्षिण भारत में होने वाली आड़ी के उम्मीद रहती थी। जुन-जुलाई इन दिनों बड़ी संख्या में दक्षिण भारत के व्यापारी आते और लोट में प्लेन फैब्रिक आदि की खरीदी करते थे।


हालाँकि व्यापार बहुत ज्यादा नहीं होता था लेकिन व्यापारियों के लिए अच्छा रहता था लेकिन इस बार को रोना के कारण बीते 6 महीने व्यापार के लिए बेहद चिंताजनक रहे। जहां लग्नासरा, रमजान की खरीदी से निराशा मिली। वही आडी के मौसम ने भी अब व्यापारियों को निराश कर दिया है।


कपड़ा व्यापारियो का बताते है कि साड़ी सेल के दौरान बड़े पैमाने पर पुराना स्टॉक क्लियर हो जाता था लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो सकता है। ज़्यादातर व्यापारियों कि शिकायत है कि सूरत का बाजार अभी तक अच्छे से नहीं खुल सका है। श्रमिकों की कमी है। कटिंग पैकिंग से लेकर ट्रांसपोर्ट तक मार पहुंचाने वाले श्रमिक नहीं मिल रहे। इसके चलते भी व्यापारियों का माल समय पर नहीं पहुंच सका। इस दौरान दुबारा लोग डाउन लग जाने के कारण और व्यापारियों को ऑर्डर कैंसिल करने पड़ रहे हैं।