नेशनल डेस्क
कोरोना से लड़ने के लिए रोबोट का सहारा मिल सकता है।देश में इन दिनों कोरोना ने आफत मचा रखी है।लगातार कोरोना पीड़ितों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।
कोरोना वायरस को रोकने के लिए आईआईटी ,खड़कपुर के पूर्व छात्र ने देवेंद्र शाह और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली के पूर्व छात्र शशि रंजन ने एक रोबोट तैयार किया है उनका दावा है कि यह रोबोट शहरों में साफ सफाई कर सकता है, और सैनिटाइज भी करने में सफल है। इससे शहरों में फैली गंदगी दूर होगी और सैनिटाइज से कोरोना का सफाया हो सकता है। उन्होंने इस रोबोट का नाम एयरलेंस माइनस कोरोना दिया है|
हालांकि अभी तक इसे प्रायोगिक तौर पर नहीं उतारा गया है।लेकिन इस रोबोट को तैयार करने वाले दोनों विद्यार्थियों का कहना है कि कोरोना की लड़ाई में यह कारगर साबित हो सकता है।यह भी दावा किया जा रहा है कि ऑक्सीकरण ही किसी भी वायरस को मारने के लिए सबसे शक्तिशाली उपाय है।
रोबोट एयरलाइंस माइनस इलेक्ट्रिक ऊर्जा परमाणु करंट की टेक्नोलॉजी पर आधारित है।इसी टेक्नोलॉजी के आधार पर वह पानी की बूंद को थे ऑक्सीडेटिव तथा हाइड्रोसील रेडिकल्स बनाएगा। इससे करोना को खत्म करने मैं मदद मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि यदि इन दोनों पूर्व छात्रों का दावा सब सफल होता है तो देश को और दुनिया को इस संकट की घड़ी से आजादी मिल सकती है।हालांकि अभी इसके उपयोग पर कोई बात नहीं बनी है कोरोना को लेकर अक्सर दवाई बन जाने के दावे सामने आते रहते हैं।हैदराबाद यूनिवर्सिटी ने भी बीमारी का वैक्सीन बनाने का दावा किया है देखना यह है कि इन दावों के बीच सच्चाई किस में है।