सूरत
सचिन जीआईडीसी में कलक्टर की मंज़ूरी के बाद धीरे-धीरे लूम्स कारखाना शुरू हो रहे है। जिस तरह से श्रमिकों मे वतन जाना शुरू किया है उसे देखते हुए श्रमिकों को रोकने के लिए सचिन जीआईडीसी के कुछ कपड़ा और कलर कैमिकल उद्यमियों ने कलक्टर से मंज़ूरी लेकर कारख़ाने शुरू कर दिए है।
अभी सचिन जीआईडीसी में १०-१२ यूनिटों में उत्पादन शुरू हुआ है। हालाँकि बड़ी संख्या में श्रमिक पलायन कर चुके है। सचिन जीआईडीसी में कपड़ा उधमियों में श्रमिकों के लिए अनाज की व्यवस्था की थी। सचिन जीआईडीसी के उधमी मयूर गोलवाला ने बताया कि उन्होंने ज़िला कलक्टर की मंज़ूरी लेकर श्रमिकों तथा व्यापार के हित में कारखाना शुरू करने का फ़ैसला किया है। फ़िलहाल सचिन जीआईडीसी में कलर कैमिकल आदि के कुछ खुल चुके है।
इस बीच पांडेसरा वीवर्स एसोसिएशन ने भी कलक्टर को ज्ञापन देकर कारखाना शुरू करने की माँग की है। ज्ञापन में बताया है कि सभी श्रमिक वतन पलायन कर रहे हैं उन्हें रोकने के लिए कारख़ाने शुरू करने की ज़रूरत है इसके अलावा, जीएसटी, आयकर सहित सभी रिटर्न आदि के काम पड़े है ! साथ ही बैंकों की ओर लोन के हप्ता को तीन महीने बात गए है। इसलिए हमें कारख़ाने शुरू करने की इजाज़त दी जाए।
सोमवार से कपड़ा मार्केट की दुकान खोलने की मांग
फैडरेशन ऑफ सूरत टैक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन ने कलक्टर को ज्ञापन देकर सोमवार से कपड़ा मार्केट की दुकाने खोलने की मांग की है।
फोस्टा ने कलक्टर को दिए ज्ञापन में बताया है कि लॉकडाउन के कारण सूरत के कपड़ा व्यापारियों का करो़डो का माल जॉबवर्क में और गोडाउन में फंस गया है। कपड़ा बाजार खुलने के बाद ही डाइंग- प्रोसेसिंग, वीविंग, एम्ब्रॉयडरी तथा महिलाओं के घर पर होने वाला कपड़ों का जॉबवर्क शुरू होगा। इसलिए पहले कपड़ा मार्केट खुलने की छूट दी जाए। देश के कई क्षेत्रों मे मार्केट खुलने के लिए छूट दी जा रही है। इसे ध्यान में रखते हुए सूरत के कपड़ा मार्केट को भी छूट मिले।
कपड़ा मार्केट बंद होने से व्यापारियों के जीएसटी, आयकर, बैंकिंग तथा पेमेन्ट सहित कई काम प्रभावित हो रहे हैं। यदि मार्केट खुलते हैं तो व्यापारियों को सरलता होगी और धीरे-धीरे व्यापार शुरू हो सकेगा। इसे देखते हुए सोमवार से तीन-घंटे मार्केट और क्वारेन्टाइन क्षेत्र की बैंक खुलने की इजाजत दी जाए।