सूरत
लॉकडाउन के बाद व्यापार धंधा खुलते ही पेमेन्ट की रामायण शुरू हो गई। रविवार को सूरत कलर- केमिकल मर्चन्टएसोसिशन के सदस्यों की मीटिंग में पेमेन्ट संबधित कई महत्वूपूर्ण फैसले लिए गए। इसके बाद सोमवार को सचिन जीआइडीसी के कपड़ा उधमियों की मीटिंग हुई। इसमें बिते 60 दिनों तक लॉकडाउन के कारण कारोबार ठप्प होने के कारण इन दिनों का ब्याज नहीं चुकाने का फैसला किया है।
सचिन जीआइडीसी वीवर्स एसोसिएशन के प्रमुख महेन्द्र रामोलिया ने बताया कि लॉकडाउन के बाद अभी तक कारोबार अच्छे से नहीं शुरू हो सका है और यार्न वाले, जरी वाले सहित तमाम उधमी पेमेन्ट की ड़िमांड कर रहे है। रामोलिया ने बताया कि अन्य राज्यों में काम करने वाले ज्याअभी तक सचिन जीआइडीसी में 2250 यूनिटों में से सिर्फ 350 शुरू हो चुके हैं और अभी पता नहीं कितने दिन लगेंगे।
ऐसे में सोमवार को सचिन जीआइडीसी के वीवर्स ने एक जुट होकर जरी और यार्न के 60 दिनों के बकाया पेमेन्ट का ब्याज नहीं देंने का फ़ैसला किया है। उल्लेखनीय है कि रविवार को सूरत कलर कैमिकल मर्चेंट एसोसिसएशन की मीटिंग हुई थी जिसमें की बाकी पेमेंट के मुद्दे पर चर्चा की गई।फिलहाल यह फैसला लिया गया है कि जो प्रोसेसिंग यूनिट 15 जून तक नहीं करेंगे उन्हें केमिकल देना बंद कर दिया जाएगा।
इसके अलावा व्यापारियों को ज्यादा से ज्यादा 60 दिन का क्रेडिट दिया जाएगा।इससे ज्यादा क्रेडिट नहीं जाएगा। जिन मिलों का पुराने पेमेंट का चेक रिटर्न हो चुका है वह 15 जून तक में पेमेंट पूरा कर दें।जो लोग कई दिनों से पेमेंट नहीं कर रहे है। उनसे एडवांस चेक लिया जाएगा। 60 दिन के लिए क्रेडिट के नए व्यापार नियम से माल की सप्लाई की जाएगी।