सूरत
सूरत महानगर पालिका ने शुक्रवार को पेश किए 10004 करोड रुपए के बजट में शहर के सर्वांगी विकास के साथ ही मूलभूत आवश्यकताओं पर भी फोकस किया है। महत्वपूर्ण बात करें तो ड्रेनेज लाइन को जीआईएस मैपिंग के सहारे ट्रेस किया जाएगा वहीं दूसरी ओर सुएज पंपिंग स्टेशनों पर मॉनिटरिंग के लिए सीसीटीवी कैमरे भी इंस्टॉल किए जाएंगे ताकि पंपिंग स्टेशनों पर पानी के फिल्टर सहित तमाम प्रक्रियाओं पर नजर रखी जा सके।
सूरत महानगरपालिका के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार को पालिका ने वर्ष 2025- 26 का बजट पेश किया गया।इस बजट में शासको ने 401 करोड रुपए के नए कार्यों का सुझाव दिया है। इसके पहले मनपा कमिश्नर ने 9603करोड रुपए का ड्राफ्ट बजट पेश किया था। इसे संशोधित करके शासको में कई नए कार्यों को बढ़ाते हुए बजट का कर 10004 करोड रुपए तक पहुंचा दिया। बजट में नए ओवर ब्रिज,शहर के बड़े सड़कों को सीसी रोड के तौर पर डेवलप करनातथा गार्डन, आंगनवाड़ी,प्लेग्राउंड सहित कई नई चीजों को शामिल किया गया है। ड्रेनेज लाइन और वाटर सप्लाई की गुणवत्ता को भी सुधरने पर फोकस किया गया है।
शहर में कुल 67 सूएज पंपिंग स्टेशन है। इनमे पानी को फिल्टर करने के बाद खाड़ी में छोड़ दिया जाता है।बीते कई दिनों से पंपिंग स्टेशन में होने वाले तमाम कार्यों को लेकर शंका कुशंका व्यक्त की जा रही थी। इसे ध्यान में रखते हुए पालिका ने तमाम पंपिंग स्टेशन पर मॉनिटरिंग के लिए सभी स्थान पर 4 से 5 कैमरा इंस्टॉल करने का फैसला किया है। इसके चलते लगभग 160 से 2000 कैमरे लगाए जाएंगे। इन तमाम समलो की मदद से पंपिंग स्टेशनों में हो रही गतिविधि पर नजर रखी जाएगी। साथ ही यहां पर अनधिकृत प्रवेश पर भी रोक लगेगी। यदि कोई आपातकालीन स्थिति बनती है तो सतर्कता बढ़ती जा सकेगी। इसके अलावा भी आवश्यक प्रयोजन किए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि शहर के कई क्षेत्रों में से जो खड़िया बहती हैं जो कि जाकर तापी नदी या समुद्र में मिलती हैं।इन खड़ियों में गंदा पानी छोड़ा जाए तो इसका सीधा असर तापी नदी के जल पर भी पड़ता है। इसलिए नियम अनुसार पालिका खाड़ियों में छोड़े जाने वाले पानी को फिल्टर करने के बाद छोड़ती है। शहर में कुल 67 पंपिंग स्टेशन है। आगामी वित्तीय वर्ष में और 14सूएज पंपिंग स्टेशन बनाने के लिए बजट में प्रावधान किया गया है।