श्रमिक ट्रेन: किसी के लिए खुशी, किसी के लिए ग़म!

Spread the love


सूरत
लॉकडाउन के कारण अपने वतन गाँव जा रहे श्रमिकों के साथ रास्ते में कई घटनाएँ हो रही है। लॉकडाउन में बेरोज़गार हो चुके श्रमिक जिस हाल मे थे उसी हालत में चल पड़े। ऐसे मे कुछ श्रमिकों के लिए ट्रेन का सफ़र बड़ा दर्दनाक साबित हो रहा है। कुछ महिलाओ नें नवजात शिशु को जन्म देने की घटना सामने आ रही है।


बीते तीन दिन में तीन घटनाएँ सामने आई जिसमें कि एक घटना में सूरत से जा रहे एक ओड़िशा वासी श्रमिक की मौत हो गई। दूसरी घटना में यूपी जा रही महिला को रास्ते में ही डिलीवरी हो गई अन्य एक घटना में श्रमिक ट्रेन में जाने के लिए देर तक धूप में खड़े युवक की लू लग जाने से मौत गई।

यात्रा के दौरान मौत
ओडिशा के गंजाम जिले का निवासी प्रफुल स्वाइ 23 मई को ओडिशा जाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन से रवाना हुआ, लेकिन वह महासमुंद पहुंचने से पहले ही ट्रेन में उसकी मौत हो गई। हालाकि कारण नहीं पता चल सका है। वहां मृतदेह पहुंचने पर मृतक के बेटे अनिल स्वाइ ने अंतिम संस्कार किया और लाइव कर माता को अंतिम दर्शन कराए।


-लू लगने से श्रमिक की मौत
इसी तरह की अन्य एक घटना में शिलू प्रफुल जेना गत रोज सूरत रेलवे स्टेशन जाने के लिए उधना पटेल नगर के बस स्टेशन पर तेज धूप में खड़े रहने के बाद जब बस से सूरत रेलवे स्टेशन पर पहुँचा तो बस से उतरने के बाद उसकी तबियत ख़राब हो गई। उसे 108 मे उपचार के लिए भेजा गया। पर वह नही बचा। हालाँकि यह प्राथमिक जानकारी है।

बच्चे को दिया जन्म
सूरत से यूपी अपने पति के साथ श्रमिक टेकन में जा रही पूजा नाम की महिला को रतलाम में प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। उसने इस बारे में पति को जानकारी दी। उसके पति ने रेलवे प्रशासन से मदद मागी। घटना की जानकारी मिलने पर रेलवे के डॉक्टर्स ने ट्रेन में पूजा की डिलीवरी करवाई! पूजा ने एक बच्चे को जन्म दिया।

अभी तक सूरत से श्रमिक ट्रेन में यूपी, बिहार जाने वाली सात महिलाओं को ट्रेन में डिलीवरी हुई।