कोरोना के कारण कपडा बाजार लगभग दो महीने तक बंद रहा। इसके कारण व्यापारियों को बड़ा नुकसान हुआ है। एक ओर आवक बंद होने और दूसरी ओर तमाम खर्च यथावत रहने से व्यापारियों के लिए आवक और खर्च का तालमेल मिला पाना मुश्किल हो रहा है।
ऐसे में कुछ व्यापारियों आंशिक राहत देने के लिए किरायेदार दुकानदारों के किराए को माफ कर दिया है जो कि वित्तीय संकट में हैं क्योंकि वे करोड़ों रुपये का व्यापार नहीं कर सकते हैं। अनुमान है कि 200 से अधिक दुकानदारो के किराए कई व्यापारियों ने माफ कर दिए हैं।
कपड़ा बाजार में लगभग 80 हजार कप़ड़ा व्यापारी है इनमें से 45 प्रतिशत व्यापारी किराए की दुकान में व्यापार करते हैं। दो महीने से व्यापार बंद होने के कारण व्यापार बिल्कुल बंद है लेकिन दूसरी ओर बिजली खर्च, मेन्टेनेस खर्च, श्रमिकों का वेतन, घर का हप्ता, सहित कई खर्च तो यथावत ही है।
इसके चलते व्यापारियों में दबाव में है। मार्केट के व्यापारियों की परिस्थिति को समझते हुए कई बड़े व्यापारी और बिल्डर जिन्होनें कि किराए पर दुकानें दे रखी है उन्होने खुद ही किराया माफ कर दिया है।
व्यापारी महेश बियाणी ने बताया कि बेगमवाडी में कई छोटे छोटे व्यापारी है जो कि किराए के मकान और दुकान पर आधारित है। वह लॉकडाउन में परेशान हो गए हैं। इसलिए मैने और मेरे मित्रो ने आपस में विचार कर अपनी 100 दुकानों के तीन महीने का किराया माफ कर दिया है।
कई क्षेत्र में बिल्डर्स ने व्यापारियों को पचास प्रतिशत या दो महीने का किराया माफ़ करने की जानकारी भी सामने आ रही है।