सूरत
कोरोना का रोग बुजुर्गों और जिनकी रोग प्रतिकारक शक्ति कम हो उन्हें जल्दी लग सकता है। इसके चलते मनपा कमिश्नर ने बुधवार को शहरीजनो से बुजुर्गों का ख्याल रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण बुजुर्गो को ज्यादा खतरा है इसलिए परिवारजन उनका ख्याल रखें। इसके लिए मनपा की वेबसाइट पर निर्देश भी बताए गए है।
कोरोना के कारण शहर में अब तक 54 लोगों की जान जा चुकी है। इसमें 61 से 70 की उम्र के 15 लोग हैं। इससे पता चलता है कि कोरोना बुजुर्गो के लिए ज्यादा घातक है। यदि बुजुर्ग हो और उन्हें पहले से ही ब्लड प्रेशर, डायबिटिज या अन्य बिमारी हो तो खतरा और बढ जाता है। इसे देखते हुए मनपा ने एक एपीएक्स नाम का सर्वे शुरु किया है। इस सर्वे में मनपा जिस घर में बुजुर्ग है और उन्हे पहले से कोई बिमारी है उनकी सूची बना रहा है।
साथ ही यदि उन्हे सर्दी, खांसी या कोई अन्य बिमारी हो तो उन पर नजर रखी जा रही है। मनपा कमिश्नर ने बुधवार को शहरीजनो से बुजुर्गो की विशेष देखरेख को कहा। उल्लेखनीय है कि बीते दिनो शहर में सर्वे के दौरान दो लाख से अधिक बुजुर्ग मिले थे जिन्हें कि अन्य बिमारी भी है। उनके लिए मनपा ने खास सावधानी रखने की अपील की थी।
बुधवार को पचास हज़ार श्रमिको के लिए ट्रेन
सूरत में अन्य राज्यों के श्रमिकों की संख्या ज्यादा होने के कारण प्रशासन ने बड़ी संख्या में ट्रेन दौड़ाने का फैसला किया है।
मीडिया रिपोर्ट के आधार से बुधवार को सूरत से एक दिन मे 32 ट्रेन दौड़ेगी। इसमें से 29 ट्रेन सूरत रेलवे स्टेशन और तीन उधना रेलवे स्टेशन से दौड़ेगी। सूरत में यूपी, बिहार, राजस्थान, झारखंड, मध्य प्रदेश, बिहार आदि राज्यों के श्रमिक बड़ी संख्या में रहते हैं ।
इसे देखते हुए प्रशासन ने 2 दिन पहले ही रेलवे से सूरत और उधना रेलवे स्टेशन से ट्रेन चलाने को कहा था। इसके बाद रेलवे स्टेशन पर ट्रेन पार्किंग का काम चल रहा है यह कहा था। कलेक्टर ने खुद ही रेलवे स्टेशन की विज़िट कर व्यवस्था करने को कहा।
इसके बाद बुधवार को वहां से तीन ट्रेन दौड़ेगी। आपको बता दें कि जब से शुरू हुई है तब से पहली बार एक ही दिन में 32 रवाना होगी। बुधवार को जो ट्रेन जाएगी उसमें से यूपी की 24, बिहार की सात और झारखंड की एक है। यूपी की ट्रेन फ़्री हो जाने के कारण वहां के श्रमिकों ने राहत की सांस ली है जबकि बिहार और झारखंड की ट्रेन के लिए अभी भी कालाबाजारी चल रही है सूरत में अभी भी यूपी बिहार झारखंड आदि राज्यों के लाखों श्रमिक रुके हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि सूरत से अब तक कम से कम चार लाख लोग से अधिक यूपी और बिहार के लोग ट्रेन के माध्यम से जा चुके हैं। इसके बावजूद ट्रेन कम होने के कारण लाखों लोग फंसे हुए हैं । प्रशासन की ओर से ट्रेन की संख्या बढ़ा दिए जाने से बड़ी संख्या में लोग जल्दी गांव पहुंच जाएंगे। उड़ीसा के श्रमिक भी सूरत में फंसे हुए हैं लेकिन वहां की ट्रेन बंद हो जाने के कारण प्रशासन भी लाचार है।