सूरत
यदि तुरंत ही कोरोना संक्रमण की जानकारी मिल जाए तो जल्दी उपचार हो सकता है और फैलने से भी बचाया जा सकता है। इसलिए सूरत महानगर पालिका ने कोरोना से लड़ने के लिए रैपिड टेस्ट का सहारा लेना शुरू किया है। शहर के हॉट स्पॉट क्षेत्रों रहने वाले , तथा वहाँ काम करने वाले सफ़ाई कर्मचारियों के साथ जो संभवित क्षेत्रों में काम कर रहे हैं, उनमें कोरोना की जाँच के लिए रैपिड टेस्ट शुरू किया गया है ।रैपीड टेस्ट के माध्यम से यदि व्यक्ति को 7 दिनों के भीतर ही संक्रमण लगा हो और शरीर में एंटीबॉडी तैयार होना शुरू हो गया हो तो संक्रमण का पता लगाया जा सकता है ।
35 टीम के 115 सदस्य कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग पर कर रहे काम
मिली जानकारी के अनुसार सूरत में सोमवार की शाम छह बजे तक कोरोना के 244 पॉज़िटिव मामले दर्ज हुए थे, जिनमें की दस लोगों की मौत हो चुकी है ।सूरत महानगर पालिका ने कोरोना के पॉज़िटिव मामला ढूंढने के लिए कई तरह से प्रयास शुरू किया है जिसमें कि मनपा के 35 टीम के 115 सदस्य कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग पर काम कर रहे हैं , जोकि कोरोना पॉज़िटिव व्यक्ति को संक्रमण किस तरह से लगा और संक्रमण कहाँ तक फैल सकता है । इस पर काम कर रहे हैं ।इसके अलावा 666 सर्विलांस टीम अलग अलग क्षेत्रों में काम कर रही है |
अब तक किए 8536 टेस्ट
आज तक सूरत महानगर पालिका ने कुल 8536 मामलों में टेस्ट किया है जिसमें के 244 टेस्ट पॉज़िटिव आए हैं 7429 नेगेटिव और 868 केस पेंडिंग पड़े हैं |सूरत महानगर पालिका ने स्लम क्षेत्रों में कोरोना की जाँच के लिए स्लम होस्पिटल की शुरू किया है ।
सोशल डिस्टैंस नही मानने वालों के ख़िलाफ़ दंड
सोमवार की जानकारी देते हुए सूरत महानगर पालिका कमिश्नर बंछानिधि पाणी ने बताया कि सोशल डिस्टैंस नहीं मानने वाले और मास्क नहीं पहनने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई जारी है जिसमें की अब तक सोशल डिस्टैंस का पालन नही करने वालों से साढ़े नौ लाख रुपये और मास्क नहीं पहनने वालों से 8.23 लाख रुपया वसूला हैं ! इसके अलावा जो लोग दुकानों पर सैनेटाइजर नहीं रख रहा है उनके ख़िलाफ़ भी कार्रवाई करते हुए 2.12 लाख रूपए वसूले।