सूरत
जहां कुछ गुजरात सहित देश के कई शहरों में कोरोना के आंकड़े तेजी से बढ़े हैं, वहीं सूरत में कोरोना से रिकवरी 52.9 फीसदी तक पहुंच गई है। सूरत नगर निगम आयुक्त ने कहा कि नगर निगम द्वारा शुरू की गई डोर-टू-डोर सर्वे और तमाम सावधानियों के कारण रिकवरी रेट बढ़ा है।
इस बारे में जानकारी देते हुए सूरत के नगर निगम आयुक्त बंछानिधि पाणि ने कहा कि शनिवार शाम तक सूरत में 841 कोरोना के मरीज दर्ज हुए थे, इनमे से 37 मरीजों की मौत हो चुकी है। सूरत में, कोरोना के कारण मृत्यु दर 4.4 प्रतिशत है जबकि कुल 445 ठीक हो चुके है। सूरत में, कोरोना से ठीक होने वालों का रिकवरी रेट 52.9 प्रतिशत है। जो कि कल तक 49.5 प्रतिशत थी।
कमिश्नर ने कहा कि पालिका की टीम डोर टु डोर सर्वे के माध्यम से एआरआई के मरीजों के लगातार नजर बनाए हुए है। आज तक, कुल 25,000 मामलों का विश्लेषण किया गया है। ऐसे मामलों में लगातार फॉलो-अप किया जाता है। ऐसे मामलों में जो संदिग्ध दिखाई देते हैं, आरबीएक्सए डॉक्टर मरीज के घर-घर जाकर उसके लक्षणों के आधार पर परीक्षण शुरू करते हैं। नतीजतन, उनका इलाज जल्द से जल्द शुरू हो जाता है जैसे ही मामले मिलते हैं। जिससे रोगी के ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है।
उधना और कतारगाम के 13048 घरों में रहने वाले 67764 क्वारन्टाइन में
सूरत
सूरत नगर निगम ने एक अधिसूचना जारी कर कहा है कि कताररगाम और उधना क्षेत्र में 13048 घरों में रहने वाले 67764 लोगों को अनिवार्य होम क्वारेन्टाइन में रहने के लिए कहा गया है क्योंकि यहाँ गीचता ज़्यादा होने से सोशल डिस्टैंस का पालन नहीं हो रहा है।
आयुक्त द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, कतारगाम जोन में अमरोली-सायन रोड पर रिलायंस चोक्डी से लेक गार्डन तक सड़क के दाईं ओर एच -1 आवासों के 110 भवनों में 5260 घरों में रहने वाले 27720 लोगों और एच -3 आवासों के 141 भवनों में रहने वाले 6768 निवासियों की आवश्यकता होगी।
इसके अलावा, उधना ज़ोन में पंचशीलनगर -2, रेवानगक और देवचंदनगर में 1000 घरों के 4512 लोगों को घर क्वारंटाइन किया गया है। अगर यहां के लोग होम क्वारंटाइन का कड़ाई से पालन नहीं करते हैं, तो उन पर भारतीय दंड संहिता 188 के साथ-साथ महामारी रोग अधिनियम -1897 के तहत मुकदमा चलाया जाएगा