सूरत
हीरा उद्योग में वर्तमान मंदी की स्थिति के कारण हीरा श्रमिकों की हालत लाचार हो गई है। बड़ी संख्यामें हीरा श्रमिकों की नौकरी चली गई है तो कई हीरा श्रमिकों ने रोटी के लिए नया रास्ता ढूंढ लिया है। लाचार हो चुके हीरा श्रमिकों की स्थिति को लेकर राज्य सरकार से संगठनों की ओर से गुहार लगाई जा रही है। ऐसे में राज्य सरकार ने हीरा श्रमिकों की स्थिति की सुध ली है और मंगलवार को राज्य भर में से कई हीरा संगठनों की अग्रणियों से मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने उन्हें आगामी दिनों में हीरा श्रमिकों की मदद के लिए ठोस कदम उठाया जाएगा यह आश्वासन भी दिया।
हीरा उद्योग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सूरत कट और पॉलिश्ड हीरो का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है। 90% डायमंड सूरत में बने होते हैं। इसके अलावा सौराष्ट्र, उत्तर गुजरात और अहमदाबाद आदि शहर में भी कट और पॉलिश्ड हीरो का काम बड़े पैमाने पर होता है लेकिन बीते 50 साल के इतिहास में देखा जाए तो इन दोनों सबसे अधिक मंदी का दौर है। ढाई वर्ष से विकराल मंदी के कारण हीरा श्रमिकों की आर्थिक स्थिति लचर हो गई है। इसके चलते कई हीरा श्रमिकों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है तो कई हीरा श्रमिकों ने गुजरात चलाने के लिए छोटा-मोटा रोजगार का नया रास्ता ढूंढ़ निकाला है। दिवाली के बाद से सूरत के कई हीरा कारखाने अभी भी पूर्ण रूप से नहीं शुरू हो सके हैं। वेकेशन पर गांव गए कई हीरा श्रमिक अभी तक नहीं लौट कर आए हैं। इस स्थिति को देखते हुए हीरा उद्योग से जुड़े कई संगठनों ने राज्य सरकार से मदद के लिए गुहार लगाई थी।
इस दौरान मंगलवार को राज्य के शिक्षण मंत्री प्रफुल्ल पानशेरिया, इंडियन डायमंड इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष दिनेश नावडिया तथा विसनगर डायमंड एसोसिएशन के प्रमुख इश्वर प्रजापति सहित हीरा उद्योग के कई अग्रणियों ने राज्य के सीएम भूपेंद्र पटेल से मुलाकात की हीरा उद्योग के अग्रणियों ने हीरा उद्योग की स्थिति के बारे में मंत्री से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने भी उन्हें इस बारे में तुरंत ही कदम उठाने का आश्वासन दिया। इंडियन डायमंड इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष दिनेश नावडिया ने कहा कि मुख्यमंत्री ने हीरा उद्यमियों के साथ मीटिंग में सकारात्मक प्रतिशत दिया है। उन्होंने कहा की हीरा श्रमिकों को मदद देने के लिए सरकार प्रयास कर रही है। आगामी दो दिनों में हीरा श्रमिकों की मदद के लिए एक्शन प्लान तैयार कर दिया जाएगा।