सूरत
सूरत शहर के बढ़ते विकास के साथ नए-नए प्रोजेक्ट बनाने के लिए आवक के नए साधन ढूंढ रही सूरत महानगरपालिका के लिए पेईड एमहत्वपूर्ण एफएसआई महत्वपूर्ण साधन बनकर उभरा है। जंत्री की बढ़ती कीमतों ने पालिका की राह को और सरल बना दिया है।जंत्री की बढ़ती कीमतों के कारण सूरत महानगरपालिका को एफएसआई के तौर पर मिलने वाली आवक भी डेढ़ गुनी बढ़ गई है। बीते तीन साल में सूरत में प्रोजेक्ट की संख्या भले घट गई है लेकिन एफएसआई के तौर पर मिलने वाली आवक बढ़ गई है।
सूरत महानगरपालिका के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शहर में तेजी से चारों ओर नए-नए प्रोजेक्ट के लिए बिल्डर मंजूरी ले रहे हैं। इनमें रेजिडेंशियल, कमर्शियल सहित तमाम प्रोजेक्ट शामिल है। बीते 3 साल की बात करें तो रियल स्टेट के प्रोजेक्ट में लगातार कमी आई है।इसके बावजूद एफएसआई की बात करें तो आय में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।बिल्डर का कहना है कि इसका सीधा कारण जंत्री की बढ़ती कीमतें हैं। राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2023 में जंत्री की कीमत बढ़ा दी गई थी।इसके चलते एफएस आई की आय में सीधे डेढ़ गुने की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।-
जंत्री की कीमत घोषित होने के बाद कुछ दिनों तक पुरानी जंत्री कीमतें ही लागू रखने की तय किया गया था इसके चलते कई बिल्डर ने पुरानी जंत्री का लाभ लेने के लिए फाईले मंजूरी के लिए रख दी थी। इससे चलते वर्ष 2022-23 में प्रोजेक्ट की संख्या भी बढ़ी है ऐसा बिल्डर बता रहे हैं। दूसरी ओर बीते कुछ समय से हीरा उद्योग सहित अन्य कारोबार में मंदी के चलते रियल एस्टेट पर भी असर पड़ रहा है। वित्तीय वर्ष 2024-2025 की बात करें तो अभी तक मनपा में लगभग 427 बड़े प्रोजेक्ट को मंजूरी दी जा चुकी है।बताया जा रहा है कि बीते दिनों की अपेक्षा प्रोजेक्ट की फाइलें भी मनपा में घटी है। हालांकि भले ही प्रोजेक्ट की संख्या घट रही है लेकिन दूसरी ओर सच्चाई यह भी है कि मनपा की आय में भी लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।
वर्ष--------प्रोजेक्ट की संख्या---आय
2022-23--754---625 करोड
2023-24---667--1020 करोड़
2024-25--427---940करोड़ (लगभग)