सूरत
शहर के खजोद क्षेत्र में तैयार हो रहे एशिया के सबसे बड़े डायमंड प्रोजेक्ट में लोगों ने आज जमकर बवाल किया।लोगों की शिकायत है कि उन्हें लॉकडाउन के बाद से समय पर भोजन नहीं मिल रहा है । इस आरोप के साथ शुक्रवार को लोगों ने किराने की दुकान में तोड़फोड़ की ।पुलिस को जानकारी मिलने पर तुरंत ही वहाँ पर दस्ता पहुँच गया और परिस्थिति पर क़ाबू पाया।
हीरा उधमियों का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट
मिली जानकारी के अनुसार शहर के खजोद क्षेत्र में हीरा कारोबार के लिए सूरत डायमंड हीरा बूर्स का प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है।बताया जा रहा है, कि यह बहुत बड़ा प्रोजेक्ट है ये प्रोजेक्ट तैयार होने के बाद सूरत के हीरा उद्यमी यहीं से हीरों का आयात निर्यात कर सकेंगे ।इस प्रोजेक्ट में करोड़ों रुपया लगा हैं ।आज यहाँ पर काम करने वाले श्रमिकों ने हंगामा किया ।
भोजन नही मिलने का आरोप
शुक्रवार को अंदाज़न 4500 श्रमिकों ने जमकर तोड़फोड़ की ।उनका आरोप था कि लॉकडाउन के बाद उनके भोजन की व्यवस्था सहित नहीं हो पा रही है।नजदीक में किराने की दुकान में कांदा- बटाका बहुत महँगा मिल रहा है ।श्रमिकों के पास वह ख़रीदने के लिए रुपया नहीं है। वह की शिकायत कर रहे हैं तो उनकी बात सुनी नहीं जा रही है।आख़िर कंटाल कर उन्होंने आज काम मचाया ।जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस वहाँ दौड़ गई और उन लोगों को शांत कराया ।
हीरा उद्योग के लिए आगामी दिन कैसे रहेंगे इसे लेकर हीरा उद्यमियों में चिंता
उल्लेखनीय है कि पिछले एक साल से हीरा उद्योग की हालत ख़राब है अब कोरोना के कारण दुनिया भर में महामारी का माहौल है ।कोरोना समाप्त होने के बाद भी उद्योगों की हालत को लेकर असमंजस है ।सूरत में तैयार होने वाले हीरे ज़्यादातर अमरीका में निर्यात होते हैं। वहाँ कोरोना के कारण बुरा हाल है ।इसलिए हीरा उद्योग के लिए आगामी दिन कैसे रहेंगे इसे लेकर हीरा उद्यमियों में चिंता का माहौल है।
अन्य क्षेत्रों मे मुफ़्त में किट मिल रही है तो हमें क्यों नहीं
डायमंड बूर्स प्रोजेक्ट के अग्रणी मथुर सवाणी ने बताया कि उन्होंने जिस कोन्ट्राक्टर को ठेका दिया है ।वह प्रति मज़दूर सात सौ रुपए देता है और वहाँ पर अनाज खरदीने की दुकान की व्यवस्था है जो कि बिना लाभ के सामान बेच रहा है। लेकिन कुछ श्रमिकों का कहना है कि अन्य क्षेत्रों मे मुफ़्त में किट मिल रही है तो हमें क्यों नहीं मिल रही है।