सूरत
21 दिनों का लोक डाउन शहर में रहने वाले पर प्रांतीय श्रमिकों के लिए बीता पाना मुश्किल होता जा रहा है ।काम धंधा बंद हो जाने के कारण वह बेरोजगार हो गए हैं उनके पास जेब खर्चे के रुपए भी नहीं बचे हैं ।ऐसे में परिवार का खर्च चलाना उनके लिए मुश्किल हो रहा है।
श्रमिकों वतन जाने की माँग
शुक्रवार की देर शाम लसकाणा क्षेत्र में श्रमिकों ने वतन जाने की मांग के साथ पुलिस के सामने हंगामा किया ।कई लारियों को आग लगा दी, और कई जगह तोड़फोड़ की। मामले को शांत करने के लिए मौक़े पर अतिरिक्त पुलिस मंगानी पड़ी ।श्रमिक और पुलिस के बीच तनाव कुछ देर तक चलता रहा ।सड़क पर उतर आए सैकड़ों श्रमिकों की बस यही मांग थी, कि उनको अब अपने वतन जाना है।इनमें ज्यादातर श्रमिक उड़ीसा के थे।
मेन रोड पर कई लारी गलो को आग लगा दी
गुस्साए श्रमिकों की भीड़ ने मेन रोड पर कई लारी गल्लों आग लगा दी और कुछ वाहन आदि में भी तोड़फोड़ की ।उन्हें सड़क के किनारे जो नजर आया उस में तोड़फोड़ की आग लगा दी । लसकाणा क्षेत्र में कई एंब्रॉयडरी और लूम्स के कारखाने आए हैं ।जहां की हजारों की संख्या में प्रांतीय श्रमिक नौकरी करते हैं और आसपास के क्षेत्र में ही रहते हैं ।
श्रमिकों के पास अब नहीं बचे पैसे
21 दिनों के लॉकडाउन के कारण उनके पास रुपए घटने लगे हैं ।सामाजिक संस्थाएं भोजन की व्यवस्था तो कर रही हैं, लेकिन उन्हें यह पसंद नहीं कि बार-बार किसी के सामने हाथ फैलाए और ऐसा कब तक चलेगा यह सोचकर श्रमिकों ने वतन जाने की सोच रखा था।लिखा जा रहा है तब तक पुलिस ने स्थिति पर काबू पा लिया है।
आग बुझाने के लिए दमकल पहुँचा
आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी कुछ देर बाद पहुँच गई।आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले पांडेसरा क्षेत्र में भी इसी तरह से श्रमिकों ने वतन जाने की मांग को लेकर पुलिस पर पत्थरबाजी की थी ।सूरत में शुक्रवार को कोरोना के तीन पॉजिटिव मरीज आने के साथ शहर और जिले में अब तक रोना के 27 मामले सामने आ चुके हैं ।
लॉकडाउन बढ़ने की चिंता
एक और कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार लॉकडाउन बढ़ाने को लेकर असमंजस में है।दूसरी ओर यहां रहने वाले श्रमिक किसी भी हालत में वतन जाना चाहते हैं ।आने वाले दिनों में परिस्थिति दुविधाजनक हो सकती है। कपड़ा उधमी विजय मांगुकिया ने बताया कि लगभग १००० श्रमिकों की भीड़ वतन जाने की माँग कर रही थी।