सूरत: नकली हेल्थ ऑफिसर पकडाया, माँगी थी रिश्वत!

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कतारगाम क्षेत्र में अंबातलावडी के एवलोन के समीप नागनाथ सोसाइटी में स्थित सी के नाश्ता गृह में जाकर चार लोगों ने अपनी पहचान स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के तौर पर बता कर लॉकडाउन में रेस्टोरेन्ट क्यों खोले हो इस तरह से धमकाकर ₹20000 की लांच मांगी थी।

इस बारे में रेस्टोरेन्ट के मालिक ने पुलिस को जानकारी देने पर पुलिस ने एक की गिरफ्तारी कर आगे की जांच शुरू की है। बताया जा रहा है कि पकड़े जाने वाले का नाम दीपेश है। इसके पास से मीडिया का आई कार्ड भी मिला है।

पुलिस ने नकली अधिकारी को सिंगणपोर चार रस्ता से पकड़ लिया है। मिली अधिक जानकारी के अनुसार चंदू भाई खेड़ा भाई लिंबाणी कतारगाम की अंबातलावडी में एवलोन के समीप रेस्टोरेन्ट चलाते हैं। उनकी रेस्टोरेंट पर दो जुलाई के रोज दीपेश पटेल और संजय सहित अन्य दो अजनबी गाड़ी में आए थे और नीचे उतर कर चंदू भाई लिंबाणी को उन्होंने कहा कि वह फ़ूड एंड हैल्थ डिपार्टमेंट में से आए हैं।

लॉकडाउन में रेस्टोरेंट्स क्यों खुला रखा है। यह अपराध है यह कहकर उनसे दंड माँगा यदि उन्हें रसीद नहीं लेनी हो तो ₹20000 देना पड़ेगा। इस बारे में चंदू भाई ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।

ऑक्सीजन बंद होने से दो वृद्धों की मौत का आरोप
शहर के स्मीमेर हॉस्पिटल में कोरोना ग्रस्त दो मरीजों की डॉक्टर की लापरवाही के कारण मौत हो जाने का आक्षेप मृतकों के परिवार जन लगा रहे हैं। उनका आरोप है कि मरीज के पास डॉक्टर नहीं होने के कारण और ऑक्सीजन घट जाने से दो पड़ोसी वृद्धों की मौत हो गई।
घटना इस प्रकार है कि शुक्रवार की शाम को स्मीमेर हॉस्पिटल में एक साथ दाखिल हुए दो पड़ोसी वृद्धों की मौत हो गई।

दोनों पड़ोसियों के परिवार जन डॉक्टर पर आरोप लगा रहे हैं कि जिस समय मरीजों की मौत हुई। उस समय डॉक्टर वहां पर उपस्थित नहीं थे। साथ ही ऑक्सीजन भी बंद हो गया था। कापोद्रा की इश्वर कृपा सोसायटी में रहने वाले 59 और 65 वर्षीय दोनों वृध्द को श्वास की तकलीफ के कारण शंकास्पद कोरोना लगने से स्मीमेर हॉस्पिटल में दाखिल किया गया था।

जहां पर कि उन्हें ऑक्सीजन पर रखा गया था। शुक्रवार की शाम 5:30 से 6:00 बजे करीब दोनों की मौत हो गई। एक मृतक के पुत्र अजय काकड़िया ने मीडिया को बताया कि मेरे पिताजी ऑक्सीजन के लिए बाई पेप मशीन लगाई गई थी जो कि अचानक ही बंद हो गई। डॉक्टरों को बुलाकर इस बारे में बताया भी गया। लेकिन एक डॉक्टर ने कहा कि थोड़ी देर में आता हूं बोलकर चले गए थे।


हालांकि हॉस्पिटल का कहना है कि लापरवाही से मौत नहीं हुई है। मेडिकल कॉलेज के डीन आरके बंसल ने मीडिया को बताया कि एक मरीज लिंबाभाई कापडिया डायबिटीज के मरीज थे और नरसी भाई मोहन भाई मांगरोलिया निमोनिया से पीड़ित थे।

दोनों को शुरू से ही वेंटिलेटर पर रखा गया। उपचार के दौरान दोनों की मौत हो गई। स्मीमेर हॉस्पिटल के आरएमओ डॉ जयेश पटेल ने कहा कि ऑक्सीजन चालू ही था वह बंद नहीं हुआ ऑक्सीजन की कमी के कारण कोई मौत नहीं हुई है।