सूरत
बाहर से कड़क दिखनेवाले पुलिस कर्मी के दिल में एक कवि भी बसता होगा यह जानकर आश्चर्य होगा लेकिन यह सच है।सूरत पुलिस में सलाबतपुरा थाने के एक पुलिस के जवान ने कोरोना से सुरक्षित रहने और लॉक डाउन के फायदे को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए कविता को माध्यम बनाया है। उन्होंने एक कविता की रचना कर उसे सोशल मीडिया पर वायरल किया है।
पीएसआई ने लिखी कविता
घर में रहोगे तो मिलेगा छप्पन भोग, बहार निकले तो बनोगे घातक बीमारी का भोग,
घर मे रहोगे तो खाएंगे लोचा ,बाहर निकला तो पड़ेगा लोचा,
घर में रहोगे तो मिलेगा शरबत ठंडा ,बहार निकले तो मिलेगा कोरोना का डंडा,
घर में रहोगे तो मिलेंगे भजिया , बाहर निकले तो होगा कजिया
सलाबतपुरा थाने के पीएसआई चन्द्रशेखर पनारा ने अब कविता के जरिए लोगों को जागरूक करने का प्रयास शुरू किया है। उन्होंने घर पर रहोगे तो खओंगे लोचा, बाहर निकलेंगे तो होगा लोचा जैसी काव्य पंकात्तियों के जरिए वह लॉक डाउन में लोग घर से बाहर नही निकले और आदेश का पूरी तरह अमल करने के लिए कह रहे हैं।
पीएसआई चंद्रशेखर पनारा ने बताया कि फिलहाल लॉक डाउन के चलते लोग अपने अपने घरों में है और सोशल मीडिया का उपयोग कर रहे हैं । ऐसे में सोशल मीडिया के जरिए लोगों को जागरूक किया जा सकता हैं। इसी उद्देश्य से मैंने कविता लिख कर उसे सोशल मीडिया पर वायरल की है। उन्होंने बताया कि सूरत पुलिस की ओर से एक गीत भी लिखा जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि हाल में ही सूरत के एक पेंटर ने कोरोना पर आधारित एक ड्रॉइंग बनाए थे जिसमें के या व्यक्त किया गया था से पहले जब धरती का संतुलन बना था तब परिस्थिति क्या तैयार अब परिस्थिति क्या है इन दिनों पृथ्वी पर पर्यावरण के साथ आंदोलन के कारण पर पक्षियों का जीना मुश्किल हो गया था और वह ग़ायब हो गए थे लेकिन कोरोना आने के बाद फिर से पत्थर पक्षी बाहर आने लगे हैं और मानव जाति अंदर रहने को मजबूर हो गया