हीरा उद्योग में मंदी का माहौल है लॉकडाउन के कारण वैश्विक मंदी के चलते हीरा उद्यमियों की परिस्थिति पतली हो गई है। ऐसे में हीरा उद्योग की जानी मानी कंपनी के गिरधरलाल ले 100 से अधिक हीरा श्रमिकों को नौकरी से निकाल दिए जाने का आरोप लगाया जा रहा है।
सूरत डायमंड वर्कर यूनियन ने कलेक्टर और लेबर विभाग को ज्ञापन देकर हीरा श्रमिकों को नौकरी पर रखने की मांग की है नहीं तो व गांधी जी के सत्य और अहिंसा के मार्ग पर आंदोलन करेंगे ऐसी धमकी दी है।
सूरत डायमंड वर्कर यूनियन ने कलेक्टर को दिए ज्ञापन में बताया है कि के गिरधरलाल कंपनी ने वहां पर लंबे से कम समय से काम करने वाले सबसे अधिक श्रमिकों को नियमों के विरुद्ध जाकर नौकरी से निकाल दिया है। अब यह श्रमिक बेरोजगार हो गए हैं।
सरकार का कहना था कि लॉकडाउन डाउन के दौरान किसी भी श्रमिक को नौकरी से नहीं निकाला जाए और लोग डाउन के दौरान का वेतन भी दिया जाए। इसके बावजूद कंपनी के संचालकों ने सबसे अधिक हीरा श्रमिकों को निकालकर अपराध किया है।
यूनियन ने मांग की है कि इन हीरा श्रमिकों को तुरंत ही नौकरी पर रखा जाए लोग डाउन का पूरा पगार दिया जाए, 3 महीने का एडवांस पगार दिया जाए, प्रत्येक हीरा श्रमिक का पीएफ फंड तथा ग्रेजुएटी सहित अन्य तमाम लाभ दिए जाएं। डायमंड वर्कर यूनियन ने कलेक्टर और डिप्टी लेबर कमिश्नर को लिखित और मौखिक दोनों ढंग से यह जानकारी दी है।
डायमंड वर्कर यूनियन के ज्ञापन के बाद कंपनी मैनेजमेंट ने हीरा श्रमिकों से संपर्क करना शुरू कर दिया है और 24 घंटे में ही समग्र मामले का निकाल करने की आश्वासन भी दिया है।
उल्लेखनीय है कि हीरा उद्योग में मंदी का दौर है। ऐसे में छोटे बड़े सभी हीरा उद्यमियों की हालत खराब है। हीरा श्रमिक बड़ी संख्या में वतन जा चुके हैं। डायमंड इंडस्ट्री में काम नहीं मिलने के कारण हीरा श्रमिकों की भी हालत पतली हो गई है। बड़ी संख्या में हीरा श्रमिक उत्तर गुजरात की ओर चले गए हैं जो कि अब कब लौटेंगे कोई ठिकाना नहीं है।