सूरत फेडरेशन ऑफ इंडियन आर्ट सिल्क वीविंग इंडस्ट्री ने केंद्रीय टेक्सटाइल मंत्री गिरिराज सिंह से ए-टफ योजना के अंतर्गत जिन कपड़ा उद्यमियों की सब्सिडी बाकी रह गई है उसके लिए फंड जल्दी से आवंटित करने की मांग की है।
फिआस्वी के अध्यक्ष भरत गांधी ने इस बारे में केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखा है और गुहार लगाई है। भारत गांधी ने बताया कि टफ योजना के अंतर्गत जिन लोगों ने मशीन खरीदी थी। ऐसे कई लोग सब्सिडी के लाभ से वंचित रह गए हैं। उन्हें भी योजना का लाभ मिलना चाहिए। सरकार को जल्द इस बारे में फैसला लेना चाहिए।उल्लेखनीय है कि 2023 में यह योजना बंद कर दी गई है। टफ योजना शुरू थी तब बड़ी संख्या में कपड़ा उद्यमियों ने टेक्सचराइजिंग मशीन और एंब्रॉयडरी के मदीने खरीदी थी।उन्हें उम्मीद थी कि यह टफ योजना के अंतर्गत उन्हें सब्सिडी मिलेगी। लेकिन कई कारण से टफ योजना 2023 से बंद कर दी गई है। बीते दिनों इस बारे में देश भर में से कई कपड़ा संगठनों ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार से गुहार भी लगे लेकिन अभी तक किस बारे में कोई फैसला नहीं किया गया है।
नई मशीनों की खरीदी पर लगा ब्रेक
कपड़ा उद्योग से जुड़े संगठनों का कहना है कि टफ योजना बंद होने के कारण कपड़ा उद्योग मैं नई टेक्नोलॉजी आने पर ब्रेक लग गई है। क्योंकि टफ योजना के अंतर्गत मशीनों पर सब्सिडी मिलती थी जिसके चलते नई मशीन भी खरीद रहे थे लेकिन टफ योजना पर ब्रेक लगने के बाद उद्यमियो ने अंकुश लगा दिया है।
कपड़ा उद्योग में निवेश बढ़ाने की उम्मीद
कपड़ा जमीन का कहना है कि सरकार की ओर से यदि नई टेक्नोलॉजी वाली मशीन खरीदने पर सब्सिडी आदि का प्रावधान किया जाता है तो कपड़ा उद्यमी नई मशीनों में निवेश करेंगे। क्योंकि इससे पहले भी टफ योजना के दौरान बड़े पैमाने पर लोगों ने योजना का लाभ लिया था और करोड़ों रुपए के मशीन विदेश से इंपोर्ट किया था।-
-एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए भी नई मशीन जरूरी
कपड़ा उद्यमियो का कहना है कि भारत सरकार की ओर से एक्सपोर्ट को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास जारी हैं। टेक्सटाइल क्षेत्र में भी उद्यमी बड़े पैमाने पर विदेश में कपड़ों का निर्यात करें इसलिए प्रयास किया जा रहे हैं। ऐसे में टेक्नोलॉजी वाली मशीने जरूरी है। स्थानीय उद्यमी इतने बड़े पैमाने पर निवेश कर सकें इसलिए भी सब्सिडी की आवश्यकता है।