कहीं पेन्टिंग तो कहीं कविता में झलका कोरोना का दर्द

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सूरत
देशभर में में कोरोना ने लोगों के दिल पर गहरी चोट पहुँचाई है।कोरोना के कारण देश में 60 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है जबकि पूरी दुनिया में कोरोना के कारण मरने वालों की संख्या 30, हज़ार से अधिक बतायी जा रही है ।
ऐसे में जनमानस पर कोरोना गहरी छाप छोड़ रहा है। भले ही आने वाले दिनों में ठीक हो जाए लेकिन इसका असर आने वाले कई वर्षों तक लोगों के दिमाग़ से नहीं उतरेगा ।

अपने इस दर्द को व्यक्त करने के लिए सूरत के लोगों ने कविता पेंटिंग आदि का सहारा लिया है ।सूरत की एक पेंटिंग कलाकार कृपा शाह ने अपने पेंटिंग के ज़रिए कोरोना के दर्द को व्यक्त करने का प्रयास किया है ।उन्होने पेंटिंग बनायी है जिसमें ,कि कोरोना के कारण धरती पे ये फैली महामारी को व्यक्त किया गया है ।इस पेंटिंग में बताया गया है कि कुछ दिनों,पहले तक लोग घरों के बाहर राष्ट्रीय गए और पशु -पक्षी छुप के रहते थे लेकिन अब लोग घरों के अंदर हैं ।और पशु- पंक्षी आदि बाहर आ रहे हैं ।पर्यावरण का यदि संतुलन नहीं रहा तो इसी तरह की बीमारियां लोगों को परेशान करती रहेंगी ।

इसलिए हमें पर्यावरण का संतुलन बनाए रखना चाहिए ।आज जिस तरह पर्यावरण का दुरुपयोग हो रहा है ।उससे आने वाली पीढ़ी के लिए भी ख़तरा हो सकता है ।कोरोना ने इसकी दस्तक दे दी है । कपड़ा मार्केट के एक व्यापारी दिलीप गोटी में भी कोरोना और पर्यावरण को लेकर एक कविता बनाकर जागृति का प्रयास किया है।
उल्लेखनीय है कि कोरोना के कारण अब तक गुजरात में सात लोगों की जान जा चुकी है आज सवेरे वड़ोदरा के एक वृद्ध की कोरोना से मौत हो जाने के कारण और प्रशासन की चिंता और बढ़ गई है अब तक गुजरात में कोरोना पॉज़िटिव ते लगभग 90 मामले सामने आ चुके हैं ।

इसे देखते हुए प्रशासन ने तैयारियां को और कड़ा बनाने का फ़ैसला किया है। ग़त रोज बमरोली रोड क्षेत्र में रहने वाले एक 22 वर्षीय युवक को कोरोना होने के कारण प्रशासन की नींद उड़ गई है। प्रशासन ने एहतियात को तौर पर वह जहां काम करता था वह डी मार्ट बंद करवा दिया है और अंदाज़न 1500 लोगों को होम क्वारन्टाइन का मैसेज किया है।