भारत और चीन के बीच लद्दाख सीमा पर चल रहे विवाद के बीच चीन ने धोखे से भारत के 20 सैनिकों को मार डालने के विरोध में देशभर में चीन के ख़िलाफ़ विरोध चल रहा है। सूरत समेत देश के कई शहरों में चीन की वस्तुओं की होली जलाई जा रही है।
देशभर के व्यापारियों की संस्था कॉन्फ़िडरेशन ऑफ ऑल इन्डिया ट्रेडर्स ने भी चीन से आयात होनेवाली तीन हज़ार वस्तुओं की सूचि केन्द्र सरकार को देकर भारत में भी इन वस्तुओ का विकल्प बनाने वाले उद्योगों को प्रोत्साहन देने की गुहार लगाई है। इस बीच सूरत के सचिन में स्पेशल ज़ोन में कार्यरत कलिका इन्टरनेशनल ने चीन की कंपनी अलीबाबा से अपना कोन्ट्राक्ट रिन्युअल नहीं कराते हुए बंद कर दिया।
कलिका इन्टरनेशनल के परेश राठौड का कहना है कि चीन की ओर से जिस तरह से भारत के बीस जवानों की हत्या की गई वह बहुत निंदनीय है। देशहित सबसे ऊपर है। इसलिए उन्होंने चीन की कंपनी अलीबाबा. कॉम से अपना कोन्ट्राक्ट रिन्यू नहीं कर तोड़ दिया। उनकी कंपनी ओटोमोटिव बनाती है। अलीबाबा के माध्यम से उन्हें ३०-४० देशो का तीन से चार करोड़ रूपों का व्यापार मिलता था।
वह बीते ११ साल से अलीबाबा से जुड़े थे।अलीबाबा ने उन्हें ई कॉमर्स प्लेटफ़ार्म में गोल्डन मेंबर के तौर पर सम्मानित भी किया है।
वीवर के पेमेन्ट धारा से नाराज व्यापारी, लिया यह फैसला
साउथ गुजरात टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन, सूरत की बोर्ड मीटिंग एसोसिएशन के कोहिनूर हाउस स्थित बोर्ड रूम में अध्यक्ष सांवर प्रसाद बुधिया के नेतृत्व में लॉक डाउन के बाद मार्केट खुलने के पश्चात टेक्सटाइल व्यापरियों को आने वाली तकलीफों एवं अन्य कई मुद्दों पर चर्चा हुयी।
बोर्ड सदस्यों ने सूरत के वीवर एसोसिएशन फोगवा द्वारा जारी किए गए फरमान पर नाराजगी जताते हुए सर्व सम्मति से निर्णय लेकर वीवर्स से आग्रह किया है कि ग्रे माल की बिलिंग और पेमेंट की धारा 5%वटाव+1% दलाली ही रखे और यह 6% वटाव को ग्रे माल की कॉस्ट में जोड़ कर रेट निकालें।
ताकि ग्रे वीवर्स पर कोई अतिरिक्त भार ना पड़े।चर्चा के दौरान एक चौंकाने वाली बात यह भी सामने आई कि पूरे भारत वर्ष में टेक्सटाइल व्यापार में दलाली का भुगतान माल बेचने वाला ही करता है ना कि खरीदने वाला सिर्फ सूरत में ही ऐसा है। इसलिए SGTTA अपील करती है कि आगे से कोई भी व्यापारी कोई भी ग्रे माल की खरीदी केवल 5%+1% लेस की धारा में ही करें।
प्रॉसेसर हाउस की नयी नीति के सवाल पर बोर्ड मेंबरों ने कहा कि वर्तमान समय में टेक्सटाइल उद्योग से जुड़े सभी घटकों को व्यापार को पुनः पटरी पर लाने के लिए मिल जुल कर एक साथ काम करना चाहिए। चूँकि यह समय किसी भी फेरबदल के लिए उपयुक्त नहीं है। इसलिए SGTTA सूरत के सभी टेक्सटाइल व्यापारी भाईयों से निवेदन करती है कि ग्रे डाइंग एवं ग्रे प्रिंटिंग का काम प्रोसेसिंग यूनिटों किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं करते हुए पुराने सिस्टम से ही करावें।
SGTTA के महा सचिव सुनील कुमार जैन ने बताया कि एसोसिएशन के संविधान के अंतर्गत एसोसिएशन की तीसरी साधारण सभा को वर्चुअल मीटिंग द्वारा कराया जाएगा। एसोसिएशन के संविधान के मुताबिक वर्तमान कार्यकारिणी का कार्यकाल अभी एक वर्ष और शेष है। तत्पश्चात चुनाव कराए जाएंगे।
बोर्ड मेंबर अवधेश टिकमानी आशीष मल्होत्रा,सुनील मित्तल, मोहन अरोरा, संतोष माख़रिया, सचिन अग्रवाल ने भी अपने अपने विचार रखे और अंत में कोषाध्यक्ष सुरेंद्र जैन ने धन्यवाद ज्ञापन देकर मीटिंग का समापन किया।