सूरत
कपड़ा बाजार में व्यापारियों के लिए अच्छे संकेत मिलने लगे हैं। एक ओर जहां कपड़ा मार्केट खुलने की उम्मीद नजर आ रही है, वहीं दूसरी ओर अन्य राज्यों के व्यापारियों की ओर से सूरत की व्यापारियों को फ़ोन पर ऑर्डर भी मिलना शुरू हो गया है।
मिली जानकारी के अनुसार सूरत कपड़ा बाजार में लॉकडाउन के कारण बीते दो महीने से कारोबार ठप हो गया था।लॉकडाउन और में केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने व्यापार उद्योग शुरू करने की कुछ छोड़ छाड़ दी है।ऐसे में सूरत का कपड़ा बाजार भी जल्दी खुलने की संभावना है। दूसरे राज्यों में कहीं-कहीं कपड़ा बाजार खुल गया है। कुछ-कुछ मंडिया खुल जाने से वहां के व्यापारियों ने कारोबार शुरू कर दिया है। इसके चलते अब वह गर्मी और आगामी सीजने के कपड़े की डिमांड कर रहे हैं।
कई राज्यों से ठंडी के कपड़ों के लिए अभी से आर्डर सूरत के व्यापारियों को मिलने शुरू हो गए हैं। जैसे कि जम्मू-कश्मीर के व्यापारी ठंडी के सीजन के कपड़ों के आर्डर अभी ही दे देते हैं जो कि उनको 2 महीने के बाद तैयार होकर सूरत से डिलीवरी किए जाते हैं। फिलहाल सूरत का कपड़ा बाजार बंद है। लेकिन यहां पर कपड़ा बाजार शुरू करने की सुगबुगाहट शुरू हो गई।
इसके चलते अन्य राज्यों के व्यापारियों ने भी अपना काम शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि पूरे देश में कोरोना के चलते परिस्थिति खराब है, लेकिन कई शहरों में कोरोना की परिस्थिति नियंत्रण में होने से वहां छोटी-छोटी मंडियां शुरू करने की इजाजत दी गई है। वहां के व्यापारियों ने कुछ डिस्काउंट के साथ कारोबार खोल दिए हैं। फिलहाल तो वह बीते दिनों बेचने गए माल की बिक्री कर रहे हैं लेकिन, उन्हें आगामी दिनों के लिए ठंडी के कपड़े तथा दिवाली के कपड़ों की जरूरत है वह उसके लिए तैयारी में जुट गया हैं।
फोस्टा के राजेश अग्रवाल ने बताया कि जम्मू कश्मीर और दिल्ली के व्यापारियों से फोन पर ऑर्डर मिलना शुरू हो गए हैं। फ़िलहाल कॉटन कपड़ों की माँग हो रही है! साथ ही जम्मू कश्मीर में ठंडी के सीजन में पश्मिना आदि कपड़ों की डिमांड रहती है इसके चलते व्यापारियों ने ऑर्डर बुक करा दिए हैं। यदि आर्डर कंपलीट हो जाते हैं तो आने वाले दिनों में फिर से नए ऑर्डर बुक होंगे। उल्लेखनीय है कि सूरत में सचिन, पांडेसरा, अंजनी इंडस्ट्रियल स्टेट सहित कई क्षेत्रों में कारखाने शुरू हो गए हैं।
इसी तरह डाइंग यूनिट भी शुरू हो चुके हैं। जो कि 1 तारीख तक संपूर्ण रूप से खुलने की उम्मीद है। धीरे-धीरे कपड़ा व्यापार खोलने की कगार पर है ऐसे में अब कोरोना के कारण व्यापारियों को ज्यादातर डिजिटल व्यापार को ही सहारा बनाना पड़ेगा।