सूरत के व्यापारियों में साबित कर दिया कि मानवता है जिंदा!!

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सूरत
कोरोना की महामारी में फँसे देश को उबारने के लिए सरकार तो अपनी ओर से हर प्रयास कर ही रही है, लेकिन विविध व्यापारिक और औघोगिक संगठनों ने भी अपनी ज़िम्मेदारी बखूबी निभाई है।
सूरत सचिन क्षेत्र का सचिन इन्डस्ट्रीयल एसोसिएशन लॉकडाउन के दूसरे दिन से सुबह शाम वहाँ काम करने वाले पाँच हज़ार श्रमिकों को भोजन करा रहा है। एसोसिएशन के महेन्द्र रामोलिया ने बताया कि अभी तक वह एक हज़ार अनाज किट भी बाँट चुके हैं और लॉकडाउन तक भोजन कराने की व्यवस्था है। सचिन के ही ही अन्य एक उधमी मयूर गोलवाला और उनके साथी श्रमिकों के क्षेत्र में 1500 राशन किट अब तक बाँट चुके हैं। गोलवाला ने बताया कि लॉकडाउन के कारण श्रमिकों की हालत ख़राब है उनके पास भोजन की व्यवस्था नहीं होने के कारण उन्होंने अपने मित्रों के साथ मिलकर यह फ़ैसला किया है। लॉकडाउन पूरा होने तक वह यह कार्य करेंगे।

इसी क्रम में फैडरेशन ऑफ इंडियन आर्ट सिल्क वीविंग इन्डस्ट्री के चेयरमैन ने सरकार के राहत कोष में दो लाख रूपए दिए।इसके अलावा उधना उधोग नगर संघ के चेयरमैन निरंजन पटेल व उनके साथियों ने 300 अनाज की किट बाँटी ।साथ ही पाँच दिन तक 1000 फ़ूड पैकेट बाँटेंगे।
फिआस्वी के चेयरमैन भरतगांधी ने बताया कि इस संकट की घड़ी में देश की मदद करना हमारा धर्म है। यदि ज़रूरत पड़ी तो सहायता के लिए तैयार हैं।

हीरा उद्योग में डायमंड इंडस्ट्री करियर फ़ाउंडेशन सक्रिय

सूरत के हीरा उद्योग में अंदाज़न पाँच लाख हीरा श्रमिक काम करते हैं ।लॉकडाउन के कारण वह बेरोज़गार हो गए हैं ।ऐसे में डायमंड इंडस्ट्री कैरियर फ़ाउंडेशन और इन क्षेत्रों की स्थानीय संस्थाएं उनकी मदद कर रही हैं ।संस्था से जुड़े निलेश बोडकी ने बताया कि अभी तक डायमंड इंडस्ट्री के लिए फ़ाउंडेशन की ओर से तीन सौ राशन किट बाँटे गए हैं ।जबकि अन्य संस्थाओं के ओर भी छह सौ राशन किट बाँटे गए हैं।बोडकी ने बताया कि उनकी टीम घर घर जाकर जरुरतमंदो को मदद कर रही है। उन्होंने आग्रह किया कि जिन्हें ज़रूरत नहीं है वह लोग संग्रह नही करे।