कोरोना के कारण मरीज एक बार ठीक हो जाने पर भी उनके शरीर में एन्टी बॉडी तैयार हो जाती है। ऐसा कई मरीजों पर किए गए अध्यन में पाया गया है। इससे वैज्ञानिको की चिंता बढ़ गई है।
िमली जानकारी के अनुसार देश भर में कोरोना की बिमारी तेजी से बढ रही है। अब तक इस बिमारी के कारण संक्रमितों की कुल संख्या 1,33 करोड के पास पहुंची है और इससे मृतकों की संख्या 5.78 लाख पर पहुंची है।
वैज्ञानिको का कहना है कि अध्यन में पाया गया है कि कोरोना से ठीक हुए मरीजों के अंदर इम्यूनिटी हमेंशा बरकरार नही रहती है। कुछ महीनों में इन लोगों की इम्यूनिटी अपने आप कम ह जाती है। 90 मरीजो पर यह अभ्यास किया गया है। हालाकि इन लोगो के प्लाज्मा से दूसरे लोग ठीक हो रहे हैं। यह तो अच्छी बात है लेकिन वैज्ञानिकों की चिंता इस बात को लेकर है कि उनको कोरोना फिर से हो सकता है।
किंग्स कॉलेज लंदन के शोधकर्तांओ के नेतृत्व में एक टीम मे 90 से ज्यादा कोरोना वायरस मरीजों में एंटीबॉडी स्तर की जांच की और मानव शरीर में आए परिवर्तन को समझा। उन्होने ऐसे लोगों का ब्लड टेस्ट भी किया। इसमें पता चला कि तीन महीने बाद शरीर में तैयार एंटीबॉडी समाप्त ह जाता है। इसके कारण कोरोना दोबारा फैलने का खतरा है।
सूरत शहर में कोरोना से ठीक हुए 46 लोगो न प्लाज्मा डोनेट किया है। इन लोगो ने कोरोना से ठीक हुए अन्य लोगो से भी प्लाज्मा डोनेट करने की अपील की है। माना जाता है कि ज लोग कोरोना से ठीक हो जाते है। उनके शरीर का प्लाज्मा दूसरो को देन से उनके ठीक होने की संभावना बढ़़ जाती है।
कोरोना का टेस्ट सिर्फ़ 650 रूपए मे
कोरोना के हाहाकार ने पूरे देश को परेशान कर रखा है। कोरोना के महँगे इलाज के कारण लोगों की चिंता और बढ गई है। कोरोना की जाँच की किट भी औसतन २००० रूपए के क़रीब थी। कुछ लोग तो इतने महँगे टेस्ट के कारण ही जाँच भी नहीं करवा रहे है।
ऐसे में दिल्ली आईआईटी के शोधकर्ताओं ने कोरोना की टेस्ट के लिए एक किट तैयार की है, जो कि सिर्फ़ तीन घंटे में ही परिणाम बता देगा। इसकी क़ीमत भी ६५० रूपए के क़रीब है। दिल्ली आईआईटी के प्राध्यापकों की टीम ने यह किट तैयार की है।