अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने सरसपुर इलाके में व्यापारियों को फर्जी गैंगरेप में फंसाने वाले गिरोह को गिरफ्तार किया है। व्यापारियों को फंसाने के लिए गिरोह के सरगना ने तीन लोगों से 500 रुपये में वीर्य लिए। इस वीर्य के आधार पर महिला ने क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई थी। मामले की जांच अपराध शाखा के जेसीपी को सौंप दी गई थी।

जांच में यह पता चला कि बलात्कार की झूठी शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था। गैंगरेप के इस झूठे मामले में क्राइम ब्रांच ने बी समरी रिपोर्ट के साथ मुकदमा दायर किया है। पुलिस ने लड़की समेत सभी आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है।


पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नवंबर में महिला अपराध शाखा के पास एक शिकायत दर्ज की गई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि गोमतीपुर सइलाके के सरसपुर में दो कपड़ा व्यापारियों ने एक दुकान में लड़की के साथ बलात्कार किया था। जांच में गड़बड़ी की आशंका से पुलिस आयुक्त संजय श्रीवास्तव ने गैंगरेप मामले की निष्पक्ष जांच करने के लिए अपराध शाखा को निर्देश दिया था। इस मामले की जांच पीआई डीबी बारडे ने क्राइम ब्रांच एसीपी डी पी चुडासमा के मार्गदर्शन में की थी।


जांच के दौरान, यह पता चला कि राजकुमार बिदरानी और सुशील बजाज के खिलाफ इरफान अंसारी और अजय कोडवानी ने लडकियों के सहारे गैंगरेप के झूठे आरोप लगाए थे। पिछले दिनों में एक केस के मामले में इस दोनों ने बदला लेने के लिए गैंगरेप की झूठी शिकायत दर्ज करने की योजना बनाई थी।

कुछ वर्षो पहले राज राजकुमार और सुशील दोनों कराण इरफान और अजय जेल में थे। इसके चलते इरफान ने पहले अपने दोस्त नीरज गुप्ता के नाम से एक दुकान गोमतीपुर सुन्नी मुस्लिम चाली में किराए पर ली थी। इसके बाद अपने परिचित फजलू रहमान अंसारी को बताया कि गैंगरेप की झूठी शिकायत करने के लिए लडकी की जरूरत है।


बलात्कार की शिकायत के लिए आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा की एक लड़की को 1 लाख रुपये देकर गैंगरेप की झूठी शिकायत दर्ज कराने के लिए लड़की को अहमदाबाद लाया गया। उसे सरसपुर इलाके में किराए के मकान में रखा गया था। लड़की को नीरज गुप्ता और उसके पति को रेलवे स्टेशन पर नौकरी पर रखा। इरफान, राजकुमार और सुशील को अपने खिलाफ पुराने केस निपटाने के लिए नीरज की दुकान पर बुलाता था। तब लोग समझते हैं कि वे दोनों पैसा पाने के लिए नीरज के पास आते हैं। इस तरह पूरा प्लान बनाया गया। एक दिन


इरफान और अजय ने दुकान में तीन कारीगरों का वीर्य खरीदा। इरफान ने झूठी शिकायत दर्ज कराने के एक दिन पहले, अपने तीन कारीगरों से 500 रुपये में अपना वीर्य खरीदा और बाद में कांच के कंगन खरीदे। योजना के अनुसार, राकुमार और सुशील ने सुलह के लिए नीरज की दुकान पर फोन किया और उसे रोका।

बाद में दुकान के पीछे के कमरे में कोने में एक चादर फैली हुई थी और वीर्य छिड़का दिया और कांच के कंगन के टुकड़े बिखेर दिए। इसके बाद महिला को गैंगरेप की झूठी शिकायत दर्ज कराने के लिए लड़की को पुलिस स्टेशन भेजा था। पुलिस ने इस मामले में महिला पीआईए ने जांच के बिना शिकायत दर्ज की थी।


कपड़ों में मिले वीर्य राजकुमार और सुशील के वीर्य से मेल नहीं खाते थे, जिन्हें गैंगरेप के आरोपी के रूप में दिखाया गया था। नीरज गुप्ता ने अपने दोस्त मनोज को राजकुमार और सुशील को नीरज के खिलाफ स्टेटमेन्ट के लिए कहा था, लेकिन क्राइम ब्रांच की जांच के दौरान मनोज ने सब कछु बता दिया और कहा कि उसे पैसे देकर राजकुमार और सुशील को नीरज से एक लाख रुपए लेने थे ऐसा लिखवाने को कहा गया था।